अशाेेेक यादव, लखनऊ। भारत में गर्भनिरोध और परिवार नियोजन को लेकर कितनी जागरुकता है। इस पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने राष्ट्रीय पारिवारिक स्वास्थ्य सर्वे 2015-16 कराया। जिससे ये बात सामने आई कि 99 फीसदी विवाहित जोड़े गर्भनिरोध का कम से कम एक तरीका जानते हैं।
इसी सर्वे के मुताबिक यौन रूप से सक्रिय अविवाहित महिलाओं में बीते 10 साल में गर्भ निरोधक का इस्तेमाल 2 फीसद से बढ़कर 12 फीसद पर पहुंच गया है।
गर्भनिरोधक का इस्तेमाल करने में पंजाब (76%) सबसे आगे है, जबकि मणिपुर, बिहार, मेघालय में (24%) इसका इस्तेमाल काफी कम है।
महिलाएं बड़ी संख्या में मासिक धर्म चक्र पर निगरानी रखने या ‘पुल आउट’ जैसे पारंपरिक गर्भनिरोधक तरीकों का इस्तेमाल करती पाई गईं, जबकि यौन रूप से सक्रिय अविवाहित महिलाओं में आधुनिक गर्भनिरोधक उपाय अधिक लोकप्रिय पाए गए।
अधिकांश पुरुष और महिलाएं कंडोम की कामयाबी पर यकीन करते हैं, 20% पुरुष सोचते हैं कि ऐसी स्त्री जो गर्भनिरोधक का इस्तेमाल करती है, उसके एक से अधिक पार्टनर के साथ यौन संबंध रखने की संभावना है।
61% पुरुष समझते हैं कि अगर कंडोम का ठीक से इस्तेमाल किया जाए, तो यह गर्भधारण रोकने में मददगार हो सकता है, जबकि 25% पुरुष मानते हैं कि ये सिर्फ कभी-कभार ही मददगार होते हैं।
सर्वे में यह भी पाया गया कि अमीर महिलाएं (53%) पारंपरिक तरीकों के मुकाबले आधुनिक गर्भनिरोध तरीकों को प्राथमिकता देती हैं।
प्राइवेट हेल्थ सेक्टर को गोलियों और कंडोम का प्रमुख सप्लायर पाया गया, जबकि सरकारी स्वास्थ्य सेक्टर को आईयूडी और पुरुष व स्त्री बंध्याकरण का प्रमुख सप्लायर पाया गया।