नई दिल्ली।
इस समय क्रिकेट जगत में क्रिकेटर्स काम के बोझ से दबे हुए हैं। यहां तक कि भारतीय कप्तान विराट कोहली भी कार्यभार को लेकर अपनी बात रख चुके हैं। कोहली और न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियमसन ऐसे कप्तान हैं, जो सभी फॉर्मेट में टीम की कमान संभाल रहे हैं।
जिस वजह से उन पर दबाव भी अधिक रहता है. वहीं आईपीएल की वजह से उन्हें आराम का समय भी मुश्किल से ही मिल पाता है। अपने करियर को लंबा चलाने के लिए वर्कलोड को व्यवस्थित करने के लिए दुनिया में क्रिकेटर्स अलग-अलग कदम उठाते हैं।
जैसे ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज डेविड वॉर्नर पहले ही कह चुके हैं कि वह 2021 टी20 वर्ल्ड कप के बाद शायद इस फॉर्मेट को अलविदा कह सकते हैं। भारतीय कप्तान पर भी वर्कलोड बढ़ रहा है और किसी एक फॉर्मेट को छोड़ने को लेकर उन्होंने अपना फैसला भी सुना दिया है।
आने वाली चुनौतियों पर ध्यान
भारत और न्यूजीलैंड के बीच वेलिंगटन में शुक्रवार से पहला टेस्ट मैच खेला जाएगा। मैच से पहले बुधवार को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब कोहली से पूछा गया कि क्या वह 2021 टी20 वर्ल्ड कप के बाद किसी एक फॉर्मेट को छोड़ने पर विचार कर रहे हैं।
इस सवाल के जवाब में भारतीय कप्तान ने साफ साफ कह दिया कि वह खुद को अब से कठिन तीन साल के लिए तैयार कर रहे हैं। उनकी बात से तो साफ हो गया हैं कि वो किसी भी फॉर्मेट को छोड़ने का विचार नहीं कर रहे हैं। भारतीय कप्तान ने कहा कि वह किसी एक फॉर्मेट से संन्यास पर विचार करने की बजाय खुद को तीन सालों के लिए तैयार करने पर ध्यान लगा रहे है।
भविष्य पर फैसला 35 के बाद
विराट कोहली ने स्वीकार किया कि थकान और वर्कलोड मैनेजमेंट के मामले पर चर्चा करने की जरूरत है। हालांकि उन्होंने इस पर कुछ और नहीं कहा। कोहली ने कहा कि यह कोई ऐसी चर्चा नहीं है, जिसे आप किसी तरह से छिपा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि वह करीब 8 वर्षों से साल के 300 दिन खेल रहे हैं। जिसमें यात्रा और अभ्यास सत्र भी शामिल है. विराट कोहली ने स्वीकार किया कि जब वह 34 या 35 के हो जाएंगे और शरीर ज्यादा बोझ नहीं संभाल पाएगा, तो वह एक अलग बातचीत करेंगे। मगर अगले दो या तीन साल तक उन्हें तीनाें फॉर्मेट से कोई परेशानी नहीं है।