अशाेक यादव, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के तमाम जनपदों में कोविड सर्वेक्षण किट में भ्रष्टाचार उजागर होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जांच के आदेश दे दिए हैं।
कोविड मरीजों की डोर टू डोर स्क्रीनिंग के लिए ग्राम पंचायत स्तर पर खरीदे गए पल्स ऑक्सीमीटर और आईआर थर्मोमीटर की खरीद में भ्रष्टाचार की खबरों पर सीएम योगी ने सख्त रुख अपनाया है। मामले की जांच के लिए गुरुवार को अपर मुख्य सचिव राजस्व रेणुका कुमार की अध्यक्षता में एसआईटी गठित कर दी गयी।
चिकित्सा शिक्षा सचिव अमित गुप्ता और सचिव नगर विकास व एमडी जल निगम विकास गोठलवाल को एसआईटी का सदस्य बनाया गया है। एसटीआई को 10 दिन में जांच पूरी कर शासन को रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है।
बता दें कि सुल्तानपुर के भाजपा विधायक देवमणि द्विवेदी ने सबसे पहले कोविड सर्वेक्षण किट खरीद में घोटाले का आरोप लगाकर मुख्यमंत्री को पत्र भेजा था। इसके बाद कई जनपदों में पल्स ऑक्सीमीटर और आईआर थर्मोमीटर की खरीद में भ्रष्टाचार का खुलासा हुआ।
2800 रुपए की कोविड सर्वेक्षण किट 9950 रुपए में खरीद कर सरकारी तिजोरी को चूना लगाया है। अधिकारियों ने ऑनन-फानन आपूर्ति करने वाली कंपनियों को भुगतान भी कर दिया।
आपदा काल में भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाकर आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह लगातार योगी सरकार पर हमलावर हैं। आप सांसद ने पल्स ऑक्सीमीटर और आईआर थर्मामीटर के अलावां एनालाइजर खरीद में भी बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है।