अशाेेेक यादव, लखनऊ। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास ने शनिवार को बैंकों के प्रमुखों के साथ बैठक की।
इस बैठक में कोविड-19 संकट के बीच आर्थिक स्थिति और वित्तीय प्रणाली के दबाव को कम करने के लिए केंद्रीय बैंक द्वारा उठाए गए कदमों के क्रियान्वयन की समीक्षा की गई। यह बैठक दो सत्रों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई।
रिजर्व बैंक ने बैठक के बाद जारी बयान में कहा कि इसमें प्रमुख सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी शामिल हुए।
अपने शुरुआती संबोधन में गवर्नर ने लॉकडाउन के दौरान बैंकों के परिचालन को सामान्य और सामान्य से सामान्य के करीब रखने के प्रयासों की सराहना की। बैठक के दौरान अन्य बातों के अलावा मौजूदा आर्थिक स्थिति और वित्तीय क्षेत्र की स्थिरता पर चर्चा की गई।
इसके साथ ही बैठक में अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों को ऋण के प्रवाह…मसलन गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों, सूक्ष्म वित्त संस्थानों, आवास वित्त कंपनियों, म्यूचुअल फंड आदि को नकदी की स्थिति पर चर्चा हुई।
साथ ही बैठक में लॉकडाउन के बाद ऋण के प्रवाह..कार्यशील पूंजी के प्रावधान और सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों को ऋण प्रदान करने पर विचार-विमर्श किया गया।
रिजर्व बैंक ने कोविड-19 की वजह से कर्ज की मासिक किस्त के भुगतान पर तीन माह की ‘रोक लगाई है। बैठक में इसकी भी समीक्षा की गई।
उच्चतम न्यायालय ने इसी सप्ताह रिजर्व बैंक को निर्देश दिया है कि वह यह सुनिश्चित करे कि उसके ऋण के भुगतान पर तीन माह की रोक के निर्देशों का अक्षरक्ष: अनुपालन हो।
बयान में कहा गया है कि दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं में सुस्ती के मद्देनजर बैंकों की विदेशों में स्थित शाखाओं की निगरानी पर भी विचार-विमर्श हुआ।