जयपुर। भारत कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के राज्य सचिव मंडल ने मांग की हैं कि पुरानी पेंशन की अधिसूचना तुरन्त जारी करो और काटी गई राशि कर्मचारियों के खाते में जमा करो। पार्टी के राज्य सचिव कामरेड अमरा राम ने आज एक बयान जारी कर कहा है कि भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों ने मिलकर कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) को समाप्त कर अंशदाई नई पेंशन योजना को सीपीआईएम तथा अन्य वामपंथी पार्टियों के विरोध के बावजूद देश के कर्मचारियों पर थोप दी थी।
उन्होंने कहा कि दोनों पार्टियों ने कॉर्पोरेट और शेयर माफियाओं के इशारे पर आपस में हाथ मिला कर संसद में पेंशन निधि नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) को पारित कर कामगारों के हितों पर कुठाराघात किया। ना केवल केंद्र के कर्मचारियों पर बल्कि देश में जिन जिन राज्यों में कांग्रेस तथा भाजपा की सरकार थी उन सभी राज्यों में पुरानी पेंशन योजना समाप्त कर दी गई।
केरल तथा त्रिपुरा में जब तक सीपीआईएम के नेतृत्व में वामपंथी पार्टियों की सरकार थी तब तक वहां पुरानी पेंशन योजना ही लागू थी परंतु केरल और त्रिपुरा में कांग्रेस और भाजपा की सरकार बनते ही पुरानी पेंशन योजना को समाप्त कर एनपीएस लागू कर दी गई। पश्चिम बंगाल में इसलिए अभी तक पुरानी पेंशन ही लागू है क्योंकि वहां अभी तक भाजपा तथा कांग्रेस की सरकार नहीं बनी है।
बदली हुई राजनीतिक परिस्थितियों और कर्मचारियों के लगातार दबाव के कारण राज्य की कांग्रेस सरकार ने पुरानी पेंशन योजना लागू करने की घोषणा तो की है जिसका सीपीआईएम ने स्वागत किया है परंतु अधिसूचना अभी तक जारी नहीं हुई है। दूसरी तरफ भाजपा की केंद्र सरकार ने पुरानी पेंशन बहाली के रास्ते में रोड़े अटकाने शुरू कर दिए हैं और एनपीएस के अंतर्गत कर्मचारियों के वेतन से काटी गई राशि को कर्मचारियों के खातों में लौटाने से मना कर रही है। अमराराम ने मांग की है कि राज्य सरकार अविलंब पुरानी पेंशन बहाली की अधिसूचना जारी करे तथा कानूनी बाधाओं से निपटने के लिए पर्याप्त व त्वरित उपाय करे।