अशाेक यादव, लखनऊ। पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल गुरुवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मुलाकात करेगा और कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग पत्र के साथ देशभर से जुटाए गए 2 करोड़ लोगों के हस्ताक्षर भी सौंपे जाएंगे। दिल्ली में कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन के बीच राहुल गांधी ने पिछले दिनों विपक्षी नेताओं के साथ भी राष्ट्रपति से मुलाकात की थी।
कांग्रेस संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने एक बयान में बताया कि पार्टी ने देशभर के किसानों से मांग-पत्र और हस्ताक्षर जुटाने के लिए राष्ट्रीय अभियान की शुरुआत सितंबर में की थी। उन्होंने कहा कि कानूनों को वापस लिए जाने के लिए राष्ट्रपति के हस्तक्षेप की मांग करते हुए 2 करोड़ हस्ताक्षर अब तक जुटाए जा चुके हैं।
वेणुगोपाल ने कहा, ”सरकार ने प्रदर्शन कर रहे लाखों किसानों को बदनाम करने और उन्हें थका देने का रास्ता चुना है। मोदी सरकार और इसके मंत्रियों ने उनके अपमान का रास्ता चुना है। अहंकारी मोदी सरकार ने शुरू में ही किसानों को धोखा दे दिया था। यह पूरी तरह साफ हो गया है कि मोदी सरकार किसानों और कृषि मजदूरों के बजाय बड़े उद्योगपतियों की भलाई को प्रतिबद्ध है।”
कांग्रेस नेता ने कहा, ”सरकार जनता के पैसों से बेरहम कृषि कानूनों के समर्थन में और प्रदर्शन कर रहे किसानों के खिलाफ दुष्प्रचार करने में जुटी है। किसान विरोधी कानूनों के पक्ष में समर्थन पैदा करने के लिए मीडिया से फर्जी सर्वे दिखवाए जा रहे हैं।” उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कृषि कानूनों के खिलाफ तीन महीनों तक जन आंदोलन चलाया है। राहुल गांधी ने इस कैंपेन के तहत पंजाब और हरियाणा में ट्रैक्टर यात्रा भी की थी।