अशाेक यादव, लखनऊ। किसानों के प्रदर्शन का मुद्दा इन दिनों पूरे देश में छाया हुआ है।
कृषि कानूनों के खिलाफ ये किसान लगातार तीन दिनों से दिल्ली के विभिन्न सीमा क्षेत्रों में डटे हैं।
किसानों के प्रदर्शन का असर अब सरकार पर भी पड़ता दिख रहा है।
जिसके चलते देश के गृह मंत्री ने अब किसानों के नाम अपना संदेश जारी किया है।
अमित शाह ने अपने संदेश में किसानों से कहा है कि केंद्र सरकार किसानों की हर मांग और समस्या पर विचार करने के लिए तैयार है। अमित शाह ने कहा कि वह सभी किसान यूनियन के किसान नेताओं और उनसे जुड़े किसानों से कहना चाहते हैं कि भारत सरकार आपसे चर्चा के लिए तैयार है। इससे पहले नारे लगाते हुए, गीत गाते हुए और लाल, हरे और नीले रंग के झंडे लेकर नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे विभिन्न समूहों और राज्यों के लगभग 400 किसान शनिवार को उत्तरी दिल्ली के बुराड़ी स्थित मैदान में एकत्रित हुए।
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जहां सरकार ने उन्हें शांतिपूर्ण ढंग से विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति दी है।
लगातार तीन दिनों से दिल्ली के विभिन्न सीमा क्षेत्रों में डटे हजारों किसानों में से कई ने राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश किया और महानगर के सबसे बड़े मैदानों में से एक निरंकारी मैदान में इकट्ठा हुए।
ज्यादातर किसान पंजाब और हरियाणा से आए हैं, जबकि कुछ मध्य प्रदेश और राजस्थान के भी हैं।
ये किसान ट्रकों और ट्रैक्टरों से यहां पहुंचे।
”धरती माता की जय”, ‘नरेंद्र मोदी किसान विरोधी’ और ‘इंकलाब जिंदाबाद’ जैसे नारे, उड़ती धूल से भरे विशाल मैदान के विभिन्न हिस्सों से सुने जा सकते हैं।
कुछ किसान नेताओं ने भाषण दिए, किसानों ने ढोल बजाकर नृत्य किया और ”हम होंगे कामयाब” गीत भी सुनाई दिया।
हंगामे के बीच किसान अपनी बात रखने के लिए दृढ़ हैं।
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समिति के सदस्य “चाहे कुछ भी कर लो, हम बढ़ते जाएंगे” गाते रहे।