केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में पारित तीन कृषि कानूनों को लेकर जारी गतिरोध के बीच अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने तीन में से एक कानून की अधिसूचना जारी कर दी है, जबकि बाकी दो अन्य पर अभी विचार किया जा रहा है।
दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) कानून, 2020 को 23 नवंबर को अधिसूचित किया गया था। उन्होंने कहा कि बाकी दो कानूनों पर दिल्ली सरकार के विकास विभाग द्वारा विचार किया जा रहा है।
सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने कहा कि अधिसूचना के तहत किसान अपनी फसल मंडी के बाहर सहित कहीं भी बेच सकते हैं। दिल्ली में कई साल पहले से ही फलों और सब्जियों की बिक्री विनियमन मुक्त थी और अब अनाज के लिए भी यह लागू हो गया है। हालांकि, पार्टी ने नए कृषि कानूनों को रद्द किए जाने की किसानों की मांग का खुले तौर पर समर्थन किया है।
अधिकारियों ने कहा कि वर्ष 2014 में फलों और सब्जियों को विनियमन मुक्त किया गया था, जिसके चलते कृषि उपज विपणन समिति के प्रबंधन वाली मंडियों के बाहर भी उत्पाद बेचे जा सकते थे। उन्होंने कहा कि अधिसूचित कानून के बाद अब इस सूची में अनाज और पोल्ट्री भी शामिल हो गए हैं।
नए कानून को अधिसूचित करने के साथ ही किसानों के आंदोलन का समर्थन करने को लेकर भाजपा और कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी के खिलाफ निशाना साधा।
भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने आरोप लगाया कि अधिसूचना ने ‘आप’ और केजरीवाल सरकार के दोहरे चरित्र को उजागर किया है। वे नए कृषि कानूनों का फायदा किसानों को देना चाहते हैं जबकि किसानों को भ्रमित कर रहे हैं।
वहीं, इस पर ‘आप’ ने पलटवार करते हुए एक बयान में कहा कि भाजपा को समझ नहीं आ रहा कि किसानों द्वारा जारी देशव्यापी आंदोलन से कैसे निपटें इसलिए हताशा में जनता का ध्यान भटकाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि किसानों की मांग न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर है और ‘आप’ उसका समर्थन करती है।
बता दें कि किसान हाल ही बनाए गए तीन नए कृषि कानूनों – द प्रोड्यूसर्स ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन) एक्ट, 2020, द फार्मर्स एग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेज एक्ट, 2020 और द एसेंशियल कमोडिटीज (एमेंडमेंट) एक्ट, 2020 का विरोध कर रहे हैं।