अशाेक यादव, लखनऊ। केन्द्र के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसान गतिरोध खत्म करने के लिए सरकार द्वारा नए सिरे से दिए गए चर्चा के प्रस्ताव पर बुधवार को दिन में फैसल ले सकते हैं। साथ ही इन किसानों ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती पर मनाए जाने वाले ‘किसान दिवस’ पर उनके प्रदर्शन को समर्थन देने के लिए लोगों से एक वक्त का भोजन न करने की अपील की है।
कई किसानों ने बुधवार सुबह ‘किसान घाट’ पहुंच चौधरी चरण सिंह को श्रद्धांजलि भी अर्पित की। चौधरी चरण सिंह को उनकी किसान हितैषी नीतियों के लिए पहचाना जाता है। पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, ” किसान दिवस पर कई नेता श्रद्धांजलि अर्पित करने किसान घाट आए। वे श्रद्धांजलि अर्पित करके तुरंत ही वहां से जा रहे हैं।” ‘किसान दिवस’ के मौके पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने गाजीपुर बॉर्डर पर हवन भी किया।
किसान नेता कुलवंत सिंह संधू ने बताया कि पंजाब के 32 किसान यूनियन के नेताओं ने मंगलवार को बैठक की और आगे की रणनीति पर चर्चा की। देशभर के किसान नेता बुधवार को एक बैठक करेंगे, जिसमें सरकार के बातचीत के प्रस्ताव पर फैसला किया जाएगा। कृषि मंत्रालय के संयुक्त सचिव विवेक अग्रवाल ने करीब 40 किसान संगठनों के नेताओं को रविवार को पत्र लिखकर कानून में संशोधन के पूर्व के प्रस्ताव पर अपनी आशंकाओं के बारे में उन्हें बताने और अगले चरण की वार्ता के लिए सुविधाजनक तारीख तय करने को कहा है ताकि जल्द से जल्द आंदोलन खत्म हो।
दिल्ली यातायात पुलिस ने बताया कि चिल्ला और गाजीपुर बॉर्डर नोएडा और गाजियाबाद से दिल्ली आने वाले लोगों के लिए बंद है। लोगों से आनंद विहार, डीएनडी, अप्सरा और भुपरा होकर दिल्ली आने को कहा गया है। उसने बताया कि प्रदर्शन के मद्देनजर सिंघू, औचंदी, प्याऊ मनियारी और मंगेश बॉर्डर बंद हैं। लोगों से लामपुर, सफियाबाद सबोली और सिंघू स्कूल टोल टैक्स बार्डर से होकर वैकल्पिक मार्ग पर जाने को कहा गया है।
पुलिस ने बताया कि मुकरबा तथा जीटीके रोड से यातायात परिवर्तित किया गया है, इसलिए लोग आउटर रिंग रोड, जीटीके रोड और एनएच-44 पर जाने से भी बचें। उसने कहा कि हरियाणा जाने के लिए झाड़ोदा (वन सिंगल कैरिजवे), दौराला, कापसहेड़ा, बडूसराय, रजोकरी एनएच-8, बिजवासन/ बजघेड़ा, पालम विहार और डूंडाहेड़ा बॉर्डर खुले हैं।
दिल्ली यातायात पुलिस के अनुसार टिकरी, ढांसा बॉर्डर भी यातायात के लिए बंद हैं। झटीकरा बॉर्डर केवल एक या दो-पहिया वाहन और राहगीरों के लिए खुला है। गौरतलब है कि केन्द्र सरकार सितम्बर में पारित इन तीनों कृषि कानूनों को जहां कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश कर रही है, वहीं प्रदर्शनकारी किसानों ने आशंका जताई है कि नए कानूनों से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) और मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और वे बड़े कॉरपोरेट पर निर्भर हो जाएंगे।