अशाेेेक यादव, लखनऊ। कानपुर पुलिस लाइन में सोमवार देर रात करीब बैरक नम्बर एक के पहले माले की छत भरभरा कर ढह गया। हादसे में एक सिपाही की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य सिपाही गंभीर रूप से घायल हैं।
घायलों को रीजेंसी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिसमें से दो ही हालत बेहद नाजुक है। घटना की सूचना मिलते ही आनन-फानन में एडीजी, आईजी, समेत अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे।
मलबे से पुलिस कर्मियों को बाहर निकाला गया। इस दौरान इनमें से एक सिपाही अरविंद की मौत हो गई है, सिपाही राकेश निवासी औरैया अच्छलदा, अमृतलाल निवासी सैनी कौशाम्बी और सिपाही मनीष निवासी अजीतमल औरैया घायल हो गए। घायलों को निकाल कर इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
बता दें, पुलिस लाइन आरआई ऑफिस के पीछे हिस्से में बैरक नम्बर 1 है। वहां पर ग्राउंड प्लस वन इमारत का है। वहां पर ग्राउंड फ्लॉर में हॉल के अलावा बरामदा बना हुआ है। जिसमें 250 लोग रह रहे हैं।
सभी के लिए वहां पर हॉल और कमरे की व्यवस्था है मगर बैरक जर्जर थी। बताया जा रहा है कि बरसात में कमरे व बरामदे की छत से पानी चूने की शिकायतें सिपाहियों ने की थी, लेकिन पर उस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।
वहीं गर्मी के कारण कुछ लोग बरामदे में सो रहे थे। देर रात लगभग 11 बजे ग्राउंड फ्लॉर के बरामदे में तीन सिपाही सो रहे थे। वहीं ऊपर पहले माले के बरामदे में पांच लोग सो रहे थे। एकाएक जर्जर बैरक के पहले माले का बरामदा भरभरा कर ढह गया। इस दौरान वहां चीख पुकार मच गई. बैरक गिरने से चारों तरफ धुंध ही धुंध छा गया।
छत गिरने से नीचे सोने वाले तीन सिपाही बुरी तरह से घायल हो गए। जो सिपाही पहले माले से गिरे वह चुटहिल हुए। हादसे में आधा दर्जन से अधिक सिपाही मामूली रूप से घायल हुए।
घटना के बाद आस-पास सो रहे सिपाही दौड़कर आए और घायल सिपाहियों को मलबे से निकाला और घायल सिपाहियों को तत्काल पुलिस लाइन की वाहनों से हैलट ले जाया गया। जहां पर प्राथमिकी उपचार के बाद रीजेंसी रेफर कर दिया गया।
उपचार के दौरान अरविंद की मृत्यु हो गई जबकि राकेश व अमृत लाल की हालत गंभीर बनी हुई है। अमृत लाल चौबेपुर थाने में तैनात थे और बिकरू कांड में लाइन हाजिर होकर पुलिस लाइन पहुंचे थे।
घटना के बाद पुलिस लाइन में हड़कंप मच गया। एसएसपी डॉ. प्रीतिंदर सिंह ने बताया कि हादसे के कारणों की जांच के आदेश दिए गए हैं। घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दो सिपाहियों की हालत नाजुक है। मलबा हटाने का काम पूरा हो गया है।