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कानपुर और आगरा मेट्रो परियोजनाओं के लिए बॉम्बार्डियर को रोलिंग स्टॉक और सिग्नलिंग सिस्टम का कॉन्ट्रैक्ट

राहुल यादव, लखनऊ।
उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (यूपीएमआरसी) ने कानपुर और आगरा मेट्रो परियोजनाओं हेतु मेट्रो ट्रेनों (रोलिंग स्टॉक्स) की सप्लाई, टेस्टिंग और कमिशनिंग के साथ-साथ ट्रेन कंट्रोल और सिग्नलिंग सिस्टम का कॉन्ट्रैक्ट मे. बॉम्बार्डियर ट्रांसपोर्ट इंडिया प्राइवेट लि. को दिया है, जो कि एक भारतीय कॉन्सोर्सियम (कंपनियों का समूह) है। कानपुर और आगरा दोनों ही मेट्रो परियोजनाओं हेतु कुल 67 ट्रेनों की सप्लाई होगी, जिनमें से प्रत्येक ट्रेन में 3 कार या कोच होंगे, जिनमें से 39 ट्रेनें कानपुर और 28 ट्रेनें आगरा के लिए होंगी। एक ट्रेन की यात्री क्षमता लगभग 980 होगी यानी प्रत्येक कोच में लगभग 315-350 यात्री यात्रा कर सकेंगे। बताते चलें कि रोलिंग स्टॉक्स और सिग्नलिंग सिस्टम के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धात्मक बिडिंग की गई थी, जिसके तहत 4 अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने टेंडर प्रक्रिया में हिस्सा लिया और 18 फ़रवरी, 2020 को अपनी निविदाएं यूपीएमआरसी को सौंपी। इसके बाद, विस्तृत तौर पर इन निविदाओं का तकनीकी आकलन किया गया, जिसके बाद बिड में शामिल चीनी कंपनी को अयोग्य घोषित कर दिया गया। फ़ाइनैंशल बिड के लिए तीन बिडर्स को चुना गया और सबसे कम बोली लगाने वाली कंपनी मे. बॉम्बार्डियर इंडिया प्राइवेट लि. को शुक्रवार को कॉन्ट्रैक्ट दे दिया गया। कानपुर और आगरा मेट्रो परियोजनाओं को मिलने वालीं अत्याधुनिक ट्रेनों की सप्लाई मे. बॉम्बार्डियर के सावली (गुजरात) स्थित प्लान्ट से होगी। केंद्र सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ मुहिम को और भी सुदृढ़ बनाने की दिशा में यूपीएमआरसी इसे एक बड़ी उपलब्धि के रूप में देखता है।
यूपीएमआरसी ने लखनऊ की ही तर्ज़ पर कानपुर और आगरा में भी रोलिंग स्टॉक्स और सिग्नलिंग सिस्टम के लिए एकीकृत टेंडरिंग की प्रक्रिया अपनाई। देश में पहली बार लखनऊ मेट्रो परियोजना के लिए यह प्रयोग किया गया था, जो बेहद सफ़ल रहा और जिसके लिए यूपीएमआरसी को बहुत सराहना और प्रशस्ति भी मिली। एकीकृत टेंडरिंग की बदौलत समय की बचत हुई और लखनऊ मेट्रो को 64 हफ़्तों के रेकॉर्ड समय में पहला रोलिंग स्टॉक (मेट्रो ट्रेन) मिला। कानपुर और आगरा में पहले मेट्रो ट्रेन सेट की सप्लाई के लिए 65 हफ़्तों की समय-सीमा तय की गई है। 
यूपीएमआरसी के प्रबंध निदेशक कुमार केशव ने कहा, “कानपुर और आगरा के लिए प्रस्तावित मास रैपिड ट्रांज़िट सिस्टम की ख़ास बात यह है कि दोनों ही जगहों पर दो स्टेशनों के बीच की दूरी काफ़ी कम (लगभग 1 किमी.) है। साथ ही, यहां पर जो मेट्रो ट्रेनें चलेंगी उनकी गतिसीमा 80 किमी./घंटा निर्धारित की गई है, जबकि मेट्रो ट्रेनों की अधिकतकम क्षमता 90 किमी./घंटा होगी। इसके अलावा, ट्रेनों के ऑपरेशन कंट्रोल के लिए लखनऊ की ही तर्ज़ पर कानपुर और आगरा में भी सीबीटीसी यानी कम्युनिकेशन आधारित ट्रेन कंट्रोल सिस्टम और कॉन्टीन्युअस ऑटोमैटिक ट्रेन कंट्रोल सिस्टम (सीएटीएस) होगा।”
लॉकडाउन के बाद कानपुर में एकबार फिर से पूरे ज़ोर के साथ सिविल निर्माण कार्य शुरू करने के बाद, रोलिंग स्टॉक और सिग्नलिंग सिस्टम के टेंडरिंग की प्रक्रिया का पूरा होना एक बड़ी उपलब्धि है। इससे न सिर्फ़ अर्थव्यवस्था को मज़बूती मिलेगी बल्कि कानपुर और आगरा की जनता का मेट्रो सेवाओं का सपना भी अब जल्द ही पूरा होगा। 

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