नई दिल्ली। उत्तर पूर्व दिल्ली में हुई हिंसा को लेकर जो दो किरदार सबसे ज्यादा चर्चा में हैं, उनके नाम हैं- भाजपा के कपिल मिश्रा और आप के ताहिर हुसैन। दोनों ही नेताओं के वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुए।
दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस एस मुरलीधर ने इन वीडियो पर चिंता जताते हुए दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा था। लेकिन, इसके अगले दिन उनका तबादला हो गया। इसके बाद मामले की सुनवाई 13 अप्रैल तक के लिए टल गई। दोनों नेता एक समय बेहद अच्छे दोस्त थे और मिश्रा का दफ्तर हुसैन के मकान में ही हुआ करता था।
मिश्रा और हुसैन ने एक-दूसरे पर दंगों में शामिल होने के आरोप लगाए हैं। मिश्रा ने ट्वीट किया, ‘‘हत्यारा ताहिर हुसैन है। अंकित शर्मा ही नहीं, चार और लड़कों को घसीट कर ले गए थे।
उनमें से तीन की लाशें मिल चुकी हैं। वीडियो में खुद ताहिर हुसैन लड़कों के साथ लाठी, पत्थर, गोलियां और पेट्रोल बम लिए हुए दिख रहा है।’’ वहीं, हुसैन ने मिश्रा पर लोगों को भड़काने का आरोप लगाया है।
आज एक-दूसरे पर आरोप लगाने वाले मिश्रा और हुसैन कभी अच्छे दोस्त थे। एक वक्त में मिश्रा का दफ्तर हुसैन के मकान में था। चांदबाग के लोग यह भी बताते हैं कि जब मिश्रा ने आप से विधायक का चुनाव लड़ा था, तो हुसैन ने उनकी मदद की थी। लेकिन, राजनीतिक दल बदलने के साथ दोस्ती भी दुश्मनी में बदल गई। जहां मिश्रा पर लोगों को उकसाने का आरोप है, वहीं हुसैन पर दंगों में शामिल होने के आरोप हैं।