अशाेक यादव, लखनऊ। वृद्ध को इलाज के लिए जिला अस्पताल लेकर पहुंचे तीमारदारों को जिला अस्पताल में स्वास्थ्य कर्मी इधर से उधर टहलाते रहे। परेशान होकर परिजनों ने वृद्ध को अस्पताल परिसर में ही जमीन पर लिटा दिया।
जहां घंटो बुजुर्ग के पडे़ रहने के बावजूद किसी भी स्वास्थ्य कर्मी ने उसकी सुध नहीं ली। ऐसे में चार घंटे बाद जब मीडियाकर्मी ने मामले को सीएमएस के सामने रखा, तब बुजुर्ग को भर्ती किया गया। रात भर भर्ती रहने के बाद मंगलवार सुबह मरीज ने दम तोड़ दिया। हालांकि इस मामले में सीएमएस ने लापरवाही स्वीकार की है।
इत्रनगरी में स्वास्थ्य सेवाएं किस कदर चरमराई हुई हैं, इसकी बानगी एक दिन पहले जिला अस्पताल में तब देखने को मिली, जब औरैया जिले के अपेगा गांव निवासी गणेश अपने पिता सूरज प्रसाद को लेकर यहां इलाज कराने के लिए पहुंचा।
सोमवार सुबह करीब 10 बजे जिला अस्पताल में पहुंचने के बाद जब गणेश ने अपने बुजुर्ग पिता को भर्ती करने की स्वास्थ्य कर्मियों से गुहार लगाई तो लापरवाह स्वास्थ्य कर्मियों ने उन्हें इधर से उधर दौडाना शुरू कर दिया। परेशान होकर गणेश ने अपने बीमार पिता को जिला अस्पताल परिसर में जमीन पर ही लिटा दिया।
यहां करीब चार घंटे तक बुजुर्ग जमीन में तड़पते रहे। इस बीच मीडिया कर्मी की नजर जब जमीन पर पडे बुजुर्ग मरीज पर पडी तो उन्होंने इस मामले को जिला अस्पताल के सीएमएस डा. शक्ति बसु के सामने रखा।
मामले की जानकारी मिलते ही सीएमएस ने स्वास्थ्य कर्मियों को फटकार लगाई और आनन-फानन में बुजुर्ग मरीज को भर्ती कर इलाज करने के निर्देश दिए। जिसके बाद बुजुर्ग को भर्ती कर इलाज शुरू किया गया। लेकिन तब तक उनकी हालत काफी बिगड चुकी थी।
ऐसे में रात भर भर्ती रहने के बाद मंगलवार सुबह उन्होंने दम तोड दिया। बुजुर्ग की मौत से परिजन बिलखने लग गए। गैर जनपद के निवासी होने के कारण परिजन उनका शव लेकर चले गए।
मामले को लेकर सीएमएस डा. शक्ति बसु का कहना है कि बुजुर्ग के इलाज में लापरवाही बरती गई है। भर्ती करने की बजाय उनके तीमारदारों को इधर-उधर टहलाया गया। इस मामले में लापरवाह स्वास्थ्य कर्मियों को नोटिस देकर स्पष्टीकरण मांगा जाएगा और फिर कार्रवाई भी की जाएगी।