सीएम के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच पर सुप्रीम कोर्ट के स्टे को लेकर कांग्रेस ने सरकार और भाजपा पर सवाल उठाए। शुक्रवार को कांग्रेस राष्ट्रीय महासचिव पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने सीएम और सरकार को कोई राहत नहीं दी है।
माननीय सुप्रीम कोर्ट ने केवल एफआईआर करने के आदेश पर स्टे दिया है। इस मामले में बाकी जानकारी मांगी है। जिन आरोपों के आधार पर हाईकोर्ट ने सीबीआई जांच की बात आई थी, वो जस का तस खड़े हैं। आरोप अपनी जगह अब भी बरकरार हैं। राजीव भवन में मीडिया से बातचीत में रावत ने कहा कि भाजपा बीते रोज से जश्न मना ही है कि सीएम दोषमुक्त हो गए हैं।
ऐसा कुछ नहीं है। भाजपा सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अपनी सुविधा के अनुसार परिभाषा बना रही है। दोष अब भी अपनी जगह मजबूती से स्थित है। कांग्रेस सीएम से इस्तीफा मांगने के अपने स्टैंड पर आज भी कायम है।
रावत ने कहा कि भाजपा कह रही है कि विपक्ष सरकार के खिलाफ साजिश कर रहा है। यह बेहद हास्यास्पद है। जो पत्रकार, स्टिंग कर्ता इस पूरे मामले को सूत्रधार है, उसके सारे रिश्ते-नातेदार और गुरू सब भाजपा में ही मिलेंगे। भाजपा ने प्रदेश को कुछ दिया है तो यह स्टिंगबाज ही दिया है।
जिस विशेषज्ञ ने रमेश पोखरियाल निशंक, फिर हरीश रावत सरकार में स्टिंग किए। आज त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार में भी वहीं विशेषज्ञ पीछे खड़ा है। इस व्यक्ति को पल्लवित पोषित करने वाली भाजपा ही है। हाईकोर्ट ने आरेापों में आधार पाते हुए ही सीबीआई जांच की बात कही है। और वो आदेश अब भी स्टैंड करता है।
कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि यदि भ्रष्टाचार के आरोप गलत हैं तो फिर सरकार और भाजपा क्यों डर रही हैं? राजीव भवन में मीडिया से बातचीत में धस्माना ने कहा कि भाजपा के नेता माननीय न्यायालय के आदेश पर भी अमर्यादित टिप्पणियां कर रहे हैं।
यह बिलकुल गलत है। कांग्रेस पर इस मामले में साजिश रचने का आरोप लगाना भी न्यायालय की अवमानना है। कांग्रेस भाजपा सरकार के भ्रष्टाचारों के जनता की अदालत में ले जाने का काम करेगी।