अशोक यादव, लखनऊ। संपूर्ण भारत सहित कोरोना वायरस के संक्रमण से मुक्त करने की जिम्मेदारी हमारे डॉक्टर समेत सभी स्वास्थ्यकर्मियों के कन्धों पर हैं। कोरोना वायरस से उपजे इस संकट के हालात में सीमित संसाधनों के बाद भी डॉक्टर, नर्स समेत पूरा मेडिकल स्टाफ कोरोना मरीजों के इलाज में डटे हुए हैं।
इसी बीच उत्तर प्रदेश के बांदा में मेडिकल स्टाफ के वेतन काटे जाने और डॉक्टरों को टर्मिनेट किए जाने का मामला सामने आया है। एक महिला मेडिकल स्टाफ के आरोपों वाला वीडियो सोशल मीडिया पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने साझा किया है।
इसके जरिए प्रियंका गांधी ने डॉक्टरों और इन मेडिकल स्टाफ के सैनेटाइजर, मास्क जैसे सुरक्षा उपकरणों की मांग का समर्थन करते हुए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर निशाना साधा है।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने शनिवार को कहा कि सरकार को कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर बड़े पैमाने पर जांच करानी चाहिए क्योंकि ऐसा करके ही इस महामारी की वास्तविक स्थिति का पता किया जा सकता है।
श्रीमती गाँधी ने ट्वीट किया, ‘यह महत्वपूर्ण है कि जांच की गति को बढ़ाया जाए। जांच से ही बीमारियों की गंभीरता का पता चलता है। इस लॉकडाउन के परिणाम तभी नजर आएंगे जब बड़े पैमाने पर जांच होगी और चिकित्सा व्यवस्था की मदद के लिए कदम उठाए जाएंगे।’ प्रियंका ने कहा कि सरकार को अब कदम उठाना चाहिए।
उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में निजी सुरक्षा उपकरण की उपलब्धता नहीं होने से जुड़ी कुछ चिकित्साकर्मियों की शिकायत का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि योगी सरकार को चिकित्साकर्मियों की जरूरत का पूरा ख्याल रखना चाहिए।
उन्होंने कहा, ‘इस समय हमारे चिकित्सा कर्मचारियों को सबसे ज्यादा सहयोग करने की जरूरत है। वे जीवनदाता हैं और योद्धा की तरह मैदान में हैं।
बांदा में नर्सों और मेडिकल स्टाफ को उनकी निजी सुरक्षा के उपकरण न देकर और उनके वेतन काटकर बहुत बड़ा अन्याय किया जा रहा है। यूपी सरकार से मैं अपील करती हूं कि ये समय इन योद्धाओं के साथ अन्याय करने का नहीं है बल्कि उनकी बात सुनने का है।’