अशाेक यादव, लखनऊ। देश के राजस्थान के उदयपुर में नुपूर शर्मा के स्पोर्ट में मोबाइल स्टेट्स लगाने पर टेलर कन्हैयालाल को मौत के घाट उतार दिया गया। इस हत्या मामले में दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। जबकि पूरे राज्य में धारा 144 लागू कर दी गई और बुधवार को इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं।
अब इस मामले में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने निंदा की है। पर्सनल बोर्ड ने कहा कि किसी को खुद दोषी करार देते हुए उसकी हत्या कर देना गैर इस्लामी हैं। न कानून इसकी इजाजत देता है और न शरीयत में इसे जायज ठहराया गया है। बोर्ड की तरफ से अपील की गई है कि मुस्लिम कानून को अपने हाथ में न लें।
लॉ बोर्ड के महासचिव हजरत मौलाना खालिद सैफ़ुल्लाह रहमानी ने एक प्रेस नोट जारी कर कहा कि किसी भी धर्म के पवित्र व्यक्तित्वों का अपमान करना एक गम्भीर अपराध है। बीजेपी की प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने इस्लाम के पवित्र पैगंबर के बारे में जो अपमानजनक शब्द कहे, वह मुसलमानों के लिए अत्यन्त दुखदायी है। इसके साथ ही सरकार द्वारा नूपुर शर्मा पर कोई कार्रवाई न करना जख्म पर नमक रखने जैसा है।
लेकिन इसके बावजूद कानून को अपने हाथ में लेना और किसी व्यक्ति को स्वयं अपराधी घोषित करके हत्या कर देना निन्दनीय कृत्य है। न कानून इसकी अनुमति देता है और न इस्लामी शरीयत इसको जायज ठहराती है। इसलिए ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड उदयपुर (राजस्थान) में घटित होने वाली घटना की कड़ी निन्दा करता है।