अशाेेेक यादव, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के सक्रिय मामले पिछले 15 दिनों में ढाई गुना बढ़ गए हैं। मरीजों की संख्या इतनी तेजी से बढ़ी है कि जहां 15 दिन पहले एक दिन में 900 संक्रमित मरीज मिल रहे थे, वहीं अब प्रतिदन करीब दो हजार तक मिलने लगे हैं।
हालत यह है कि ठीक होकर घर लौटने वाले मरीजों की संख्या अब कम होती जा रही है। हालांकि पहले दौर में कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित मेरठ और आगरा में हालात अब बेहतर हैं लेकिन लखनऊ, कानपुर, नोएडा और गाजियाबाद में स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
कोरोना मरीजों के इलाज में लगे विशेषज्ञ चिकित्सकों का मानना है कि बारिश के मौसम में कोरोना वायरस हवा में भी मिलने लगा है। पहले जहां खांसने और छींकने में ही वायरस एक दूसरे में जाता था। अब आपस में बातचीत में भी वायरस एक दूसरे को संक्रमित कर रहा है।
लगातार जांच बढ़ने से भी कोरोना संक्रमित मरीजों के मामले सामने आ रहे हैं। मौजूदा समय में 47 हजार से ऊपर टेस्टिंग आरटीपीसीआर, ट्रूनेट और एंटीजन टेस्ट मशीन से की जा रही है। इसके साथ ही चिकित्सक अनलॉक हो रही गतिविधियों को भी वायरस के तेजी से बढ़ने की एक वजह बता रहे हैं।
चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद भी कहते हैं कि अनलॉक होने के कारण लोगों की जागरूकता कम हुई है। बारिश के मौसम में नमी के कारण वायरस हवा में तैरता रहता है।
साधारण बातचीत में ही कोरोना वायरस फैल रहा है। ये स्थितियां अब चिंतित करने वाली हैं। इसीलिए प्रदेश के सभी जिलों में घर-घर सर्वे किया गया। इसमें करीब पौने दो लाख लोगों में खांसी-बुखार और नाक बहने के लक्षण पाए गए थे। इनके नमूने लेकर जांच की जा रही है।