अशाेक यादव, लखनऊ। उत्तर प्रदेश की दस राज्यसभा सीटों पर नौ नवंबर को होने वाले मतदान के लिए नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है।
चुनाव आयोग के सूत्रों ने मंगलवार को यहां बताया कि द्विवार्षिक चुनावों की अधिसूचना आज सुबह जारी की गई।
नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख 27 अक्टूबर है।
नामांकन की जांच 28 अक्टूबर को की जाएगी जबकि दो नवंबर को नाम वापसी की आखिरी तारीख है।
यदि आवश्यक हुआ तो मतदान नौ नवंबर को होगा और उसी दिन परिणाम घोषित किए जाएंगे।
राज्य विधानसभा के सदस्य इस चुनाव में मतदाता हैं।
उत्तर प्रदेश विधानसभा की 403 सदस्यों वाले सदन में भाजपा के 310 विधायक हैं।
सत्तारूढ़ दल भाजपा के 10 में से आठ सीटों पर आराम से जीतने की संभावना है।
सपा के 46 विधायक है और पार्टी को एक सीट पर जीत की उम्मीद है जबकि संयुक्त विपक्ष द्वारा भी एक सीट जीती जा सकती है।
राज्य विधानसभा में आठ सीटें रिक्त है।
इसलिए आठ सदस्यों की संख्या घटने से मतदाताओं की संख्या 395 रह जायेगी।
जीतने वाले उम्मीदवार को 34 वोट प्राप्त करने होंगे।
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सपा ने पहले ही प्रोफेसर राम गोपाल यादव को द्विवार्षिक चुनाव के लिए अपना उम्मीदवार के रूप में घोषित किया है, लेकिन भाजपा समेत किसी अन्य पार्टी ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की है।
उत्तर प्रदेश के जिन सदस्यों का कार्यकाल 25 नवंबर, 2020 को समाप्त होगा।
सपा प्रत्याशी प्रोफेसर राम गोपाल यादव बुधवार को अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे।
सपा ने प्रत्याशी के नामांकन फार्म पर हस्ताक्षर देने के लिए आज सभी विधायकों को भी तलब किया है।
उसमें केंद्रीय मंत्री और भाजपा सदस्य हरदीप सिंह पुरी, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह, भाजपा के नीरज शेखर, सपा के राम गोपाल यादव, रवि प्रकाश वर्मा, डॉ0 चंद्रपाल सिंह यादव और जावेद अली खान हैं जबकि बहुजन समाज पार्टी( बसपा) के वीर सिंह और राजाराम।
इसके अलावा कांग्रेस सदस्य पीएल पुनिया शामिल है।