लखनऊ। दुनिया में तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस के कहर के बीच दहशत का माहौल है, डर के इस माहौल में इस्राइल के जरिए उम्मीद की किरण जगी है। इस्राइल का दावा है कि उन्होंने कोरोना वायरस के इलाज में सफलता हासिल की है।
गुरुवार को उत्तरी इस्राइल में शोधकर्ताओं के एक समूह ने दावा किया है कि उन्होंने कोरोनोवायरस के इलाज में “वैज्ञानिक सफलता” हासिल की है। मिगल गैलील रिसर्च इंस्टीट्यूट के शोधकर्ताओं ने प्रेस कांफ्रेंस कर इसकी जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि हमें सफलता तब मिली, जब पक्षियों में कोरोना वायरस पर शोध कर रहे थे। एक इलाज के दौरान हमने पाया कि कोरोना वायरस से संक्रमित पक्षियों जो ठीक हो रहे हैं। रिसर्चर्स के अनुसार खास बात ये है कि पक्षियों और इंसानों में बुनियादी कोरोनोवायरस वायरस के संक्रमण और प्रभाव का पैटर्न एक जैसा है।
उन्होंने बताया कि वायरस का जेनेटिक स्ट्रक्चर पक्षियों और मनुष्यों में समान पाए गए हैं। उन्होंने बताया कि पक्षियों के लिए विकसित उपचार मनुष्यों पर लागू हो सकता है और उनका मानना है कि तीन महीनों के भीतर मनुष्यों के लिए एक प्रभावी उपचार विकसित किया जा सकता है।
संस्थान के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर डेविड ज़िग्डन ने कहा, ”कोरोनावायरस के मानव संक्रमण के तत्काल समाधान की जरूरत है और हम उसके लिए नॉन स्टॉप काम कर रहे हैं।
COVID-19 वायरस के खिलाफ हम जो समाधान विकसित कर रहे हैं, वह प्रभावी साबित हुआ है और हमें विश्वास है कि मानव उपचार के लिए एक वर्जन आठ से 10 सप्ताह के भीतर तैयार हो सकता है। सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए 90 दिनों की परीक्षण अवधि के बाद इसका पालन किया जाएगा। पक्षियों के लिए जो ट्रीटमेंट हैं वो हम दवाई के रूप में देंगे और ठीक ऐसा ही हम मनुष्यों के लिए करेंगे।”
संस्थान के निदेशक प्रोफेसर डैन लेवानन ने कहा कि जिस गति से उपचार का उपयोग किया जा सकता है वह मंजूरी पर डिपेंड करेगा। वर्तमान परिस्थितियों में जिस बीमारी के कारण भयानक नुकसान हो रहा है, मेरा मानना है कि राज्य ट्रीटमेंट को अप्रूल करने से पहले पास करेंगे। जिससे जल्द से जल्द इलाज शुरू किया जा सके। सामान्य परिस्थितियों में, इस तरह के उपचार की स्वीकृति में कई साल लगेंगे।