नई दिल्ली। अग्निपथ रक्षा भर्ती योजना के विरूद्ध व्यापक प्रदर्शन के बीच केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शनिवार को कहा कि आवास एवं पेट्रोलियम मंत्रालयों के अंतर्गत आने वाले सार्वजनिक उपक्रम (पीएसयू) सशस्त्र बलों में चार साल की सेवा पूरी करने के बाद ‘अग्निवीरों’ को भर्ती करने पर काम कर रहे हैं। उन्होंने इस नयी सैन्य भर्ती व्यवस्था के बारे में ‘दुष्प्रचार’ फैलाने को लेकर विपक्ष की आलोचना भी की और कहा कि सरकार युवाओं को अग्निपथ योजना के बारे में विस्तार से समझाएगी।
उन्होंने एक वैश्विक सम्मेलन में इस योजना का बचाव करते हुए कहा, यह बहुत बड़ी योजना है। मैं आधिकारिक रूप से कह सकता हूं कि मेरे मंत्रालयों के अंतर्गत आने वाले पीएसयू प्रशिक्षित मानवबल (अग्निवीरों) की भर्ती पर पहले से काम रहा है। उनके कौशल का पीएसयू में इस्तेमाल किया जा सकता है।
मंगलवार को इस योजना की घोषणा करते हुए सरकार ने कहा था कि साढ़े सत्रह से 21 वर्ष तक की आयु के युवाओं को चार साल के लिए भर्ती किया जाएगा तथा बाद में उनमें से 25 प्रतिशत को नियमित सेवा के लिए रख लिया जाएगा। सेना, नौसेना और वायुसेना में भर्ती के इस नये प्रारूप के विरूद्ध व्यापक प्रदर्शन होने के बाद बृहस्पतिवार को योजना में ऊपरी आयु सीमा बढ़ाकर 23 वर्ष कर दी गयी। इसके अलावा गृह मंत्रालय ने शनिवार को घोषणा की कि केंद्रीय अर्धसैनिक बलों एवं असम राइफल्स में सभी रिक्तियों में 10 प्रतिशत सीटें अग्निवीरों के लिए आरक्षित होगी।