लखनऊ। जल निगम भर्ती में घोटाले की पुष्टि होने से पूर्व मंत्री मोहम्मद आजम खान की मुश्किलें बढ़नी तय हैं। इस मामले में एसआईटी की तरफ से दर्ज कराए गए मुकदमे में आजम खान भी आरोपी हैं। एसआईटी अब उनके खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दायर कर देगी।
एसआईटी ने 25 अप्रैल 2018 को शासन के निर्देश पर मुकदमा दर्ज किया था। इसमें आजम के अलावा तत्कालीन नगर विकास सचिव एसपी सिंह, जल निगम के पूर्व एमडी पीके आसुदानी व जल निगम के तत्कालीन मुख्य अभियंता अनिल खरे को नामजद करते हुए परीक्षा कराने वाली संस्था मेसर्स एपटेक लिमिटेड के अज्ञात अधिकारियों को अभियुक्त बनाया गया था।
एसआईटी ने अपनी जांच पूरी करके शासन को सौंप दी थी। एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर ही नगर विकास विभाग ने जल निगम को भर्तियां निरस्त करने का निर्देश दिया था।
उत्तर प्रदेश सरकार ने सपा शासनकाल में जल निगम में अवर अभियंता (जेई) के 853 और लिपिक के 335 पदों पर हुई भर्तियां निरस्त कर दी गई हैं। सहायक अभियंता के 117 पदों पर हुई भर्ती पहले ही निरस्त कर दी गई थी।
एसआईटी की जांच में भर्ती प्रक्रिया पूरी तरह दोषपूर्ण पाए जाने के बाद जल निगम ने पूर्व में जारी नियुक्ति आदेशों को निरस्त करते हुए भर्तियों को नियुक्ति तिथि से ही शून्य घोषित कर दिया गया है। यह आदेश मुख्य अभियंता आईके श्रीवास्तव की तरफ से जारी किया गया है।