अशाेेेक यादव, लखनऊ। यूरोप, पूर्वी एशिया और अफ्रीकी देशों की मांग आने और काेरोना महामारी के बीच अर्थव्यवस्था की रफ्तार तेज करने के सरकार के प्रयासों के बीच लगभग 88 प्रतिशत भारतीय निर्यात बहाल हो गया है। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के सूत्रों ने सोमवार को यहां बताया है कि सरकार के प्रयासों के परिणाम अब दिखाई देने लगे हैं।
औद्योगिक गतिविधियों के शुरू होने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 20 लाख करोड़ रुपये के राहत पैकेज और आत्मनिर्भर भारत का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। सरकार का प्रयासों आर्थिक गतिविधियां शुरू कराने और स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने का है।
सूत्रों ने दावा किया कि अर्थव्यवस्था में सुधार के संकेतकों में एक निर्यात में अपेक्षा के अनुरूप परिणाम मिल रहे हैं। विदेश व्यापार महानिदेशालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार जून 2020 में 87.39 प्रतिशत भारतीय निर्यात बहाल हो गया है।
इस माह में लौह के निर्यात में अयस्क 63.11 प्रतिशत, तिलहन में 50.48 प्रतिशत, चावल में 32.72 प्रतिशत, खाद्य तेल में 27.36 में , मसाले में 22.92 प्रतिशत , अन्य अनाज में 19.35 प्रतिशत, जैविक और अकार्बनिक रसायन में 19.06 प्रतिशत , अनाज की तैयारी और विविध प्रसंस्कृत वस्तुओं में 13.8 प्रतिशत, फल और सब्जियाें में 11.01 प्रतिशत, औषधि और फार्मा में 9.89 प्रतिशत, तम्बाकू में 3.56 प्रतिशत और कॉफी में 2.58 प्रतिशत वृद्धि हुई है।
भारतीय निर्यातक महासंघ के अध्यक्ष शरद कुमार ने आगामी महीनों में निर्यात में वृद्धि होने की संभावना व्यक्त करते हुए कहा कि अंतर्राष्ट्रीय अर्थव्यवस्थायें धीरे धीरे खुल रही है और भारतीय वस्तुओं की मांग आ रही है।
आने वाले समय में रत्न और आभूषण, चमड़ा और चमड़ा उत्पाद , परिधान, धागा एवं कपड़ा, पेट्रोलियम उत्पाद , काजू , मांस, डेयरी और पोल्ट्री उत्पाद , हस्तशिल्प, कालीन , इलेक्ट्रॉनिक सामान , जूट उत्पाद, फर्श कवर , सिरेमिक उत्पाद और कांच के बने उत्पाद , कालीन , समुद्री उत्पाद , चाय , इंजीनियरिंग उत्पाद , प्लास्टिक और लिनोलियम , मीका, कोयला और अन्य अयस्क, प्रसंस्कृत खनिज आदि में मांग आने की संभावना है।