अमेरिका और तालिबान के बीच आज कतर की राजधानी दोहा में शांति वार्ता होने वाली है। इससे ठीक एक दिन पहले शुक्रवार को भारत ने विदेश सचिव हर्ष वर्धन श्रृंगला को काबुल भेजा। उन्होंने राष्ट्रपति अशरफ गनी से मुलाकात की और कहा कि शांति और स्थिरता लाने के अफगानिस्तान के प्रयासों में भारत उसके साथ खड़ा है।
अमेरिका और तालिबान के बीच आज होने वाली शांति वार्ता के मौके पर भारत की भी मौजूदगी रहेगी। इस दौरान अफगानिस्तान में दो दशक से जारी हिंसा को रोकने के लिए एक समझौते पर दस्तखत होंगे। कतर ने समझौता समारोह में भारत को भी आमंत्रित किया है और उसमें दोहा में मौजूद भारतीय राजदूत पी कुमारन शिरकत करेंगे।
यह पहला मौका है जब भारत तालिबान को मान्यता देने वाले किसी आयोजन में शिरकत कर रहा है। माना जा रहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत दौरे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई उनकी वार्ता के बाद यह नीतिगत बदलाव आया है। वैसे मॉस्को में 2018 में तालिबान की मौजूदगी वाली वार्ता में भारत ने अनौपचारिक शिरकत की थी।
कतर ने अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता को मान्यता दे रखी थी। दोहा में तालिबान का राजनीतिक कार्यालय भी काम कर रहा है।