लखनऊ। राजधानी में वर्षों से लंबित पुलिस विवेचनाओं को सही ढंग से व समय से निस्तारित कराने के लिए लखनऊ पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय ने जनसुनवाई आमने-सामने शुरू की है।
शनिवार को इस पहल के पहले दिन पुलिस लाइन में 50 वादियों और विवेचकों को आमने-सामने बैठाकर मामले का जल्द निस्तारण कराने का प्रयास किया गया। पुलिस कमिश्नर सुजीत पांडेय खुद जनसुनवाई आमने-सामने में मौजूद रहे। उनके साथ राजधानी पुलिस के तमाम अन्य वरिष्ठ अफसर भी मौजूद रहे।
इस पहल के माध्यम से ऐसे मामलों के जल्द निस्तारण का लक्ष्य रखा गया है, जिनकी जांच किसी वजह से काफी समय से पूरी नहीं हो पा रही है। विवेचनाएं लंबे समय से लंबित हैं। कई बार वादकारियों का आरोप होता है कि विवेचक ने उनके बयान बदल दिए।
कई बार वादकारी आरोप लगाते हैं कि विवेचक ने केस को हल्का करने या आरोपियों को बचाने के लिए विवेचना सही ढंग से नहीं की। ऐसे मामलों की शिकायत लेकर पीड़ित उच्चाधिकारियों के पास जाते थे। लेकिन अब विवेचक ऐसा नहीं कर सकेंगे।
कमिश्नर सुजीत पांडेय ने बताया कि आज उन लोगों को बुलाया गया है। जो बार-बार आईजीआरएस पोर्टल पर अपनी समस्या लिख रहे थे। इसमें ऐसे मामले भी शामिल हैं, जिनकी जांच रिपोर्ट काफी समय से लंबित है। कमिश्नर ने बताया कि आज 48 लोग आए थे।
उनके विवेचक भी यहां मौजूद रहे। दोनों को आमने-सामने बैठाकर उच्चाधिकारियों की मौजूदगी में केस की जानकारी ली गयी। केस की जांच में लापरवाही करने वाले विवेचकों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी। इस पहल से जांच सही दिशा में और जल्द हो पाएगी।
साथ विवेचक और वादकारियों के बीच किसी तरह का झूठ या अविश्वास भी गुंजाइश नहीं बचेगी। आरोपियों को भी अपना पक्ष रखने का मौका मिलेगा।