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अनामिका के बाद यूपी में दीप्ति सिंह के नाम से दो जिलों में शिक्षिका मिली


मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ।उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा में भ्रष्टाचार की रोज एक परत खुलने लगी है। अनामिका शुक्ला नाम से दो दर्जन से ज्यादा जिलों में नौकरी की परतें अभी पूरी तरह खुल भी नहीं पायीं कि दीप्ति सिंह के नाम से दो जिलों में शिक्षिका का काम करने का नया मामला आ धमका। बता दें कि अनामिका शुक्ला का पर्दाफाश होने के बाद जांच शुरू हुई तो मैनपुरी में एक फर्जीवाड़े का खुलासा हो गया। इस बार इस फर्जीवाड़े में दीप्ति के नाम से मैनपुरी के करहल के कस्तूरबा स्कूल में फर्जी शिक्षिका बच्चों को पढ़ा रही थी। प्रदेश में अनामिका शुक्ला के फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद हंगामा बढ़ा तो कथित दीप्ति ने इस्तीफा दे दिया। हालांकि लॉकडाउन के चलते कस्तूरबा अभी बंद है लेकिन दीप्ति का इस्तीफा आते ही विभाग हरकत में आ गया। बीएसए ने मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय कमेटी बना दी है। मामला करहल कस्बा स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय का है। इस विद्यालय में दीप्ति सिंह के नाम से एक शिक्षिका तैनात हुई थी। तैनाती के बाद ही बेवर क्षेत्र में अनुदेशक के पद पर तैनात दीप्ति सिंह ने शिकायत की कि कस्तूरबा बालिका विद्यालय करहल में जो दीप्ति तैनात हुई है उसके अभिलेख फर्जी हैं। बेवर में तैनात दीप्ति के अभिलेखों के आधार पर करहल में तैनाती ली गई है। यह शिकायत बाद में वापस ले ली गई। विभागीय अधिकारियों ने भी इस पर कोई ध्यान नहीं दिया लेकिन जब अनामिका शुक्ला के फर्जीवाड़े का हंगामा शुरू हुआ और कासगंज की महिला शिक्षिका जेल भेज दी गई तो करहल स्थित कस्तूरबा में तैनात दीप्ति सिंह ने चार दिन पूर्व अपना इस्तीफा भेज दिया। पूरे प्रदेश में पहले से ही कस्तूरबा में तैनात शिक्षक-शिक्षिकाओं और स्टाफ की जांच चल रही है। अनामिका शुक्ला का प्रकरण भी गरम है ऐसे में मैनपुरी में दीप्ति का मामला सामने आया तो विभाग हरकत में आ गया। बीएसए विजय प्रताप सिंह ने मामला सामने आने के बाद तत्काल करहल और बेवर में कार्यरत दोनों महिलाओं को दो दिन पूर्व नोटिस जारी करा दिए। दोनों को दो दिन में जबाव देने को कहा गया था लेकिन खबर लिखे जाने तक दोनों में से किसी ने नोटिस का जबाव नहीं दिया है। बीएसए का कहना है कि एक और नोटिस भेजकर अगले दो दिन में जांच पूरी करा ली जाएगी। करहल के कस्तूरबा में कार्यरत दीप्ति असली है या फिर बेवर में अनुदेशिका के पद पर कार्यरत दीप्ति असली है, इसका फैसला अगले दो दिन में होगा। लेकिन कथित दीप्ति नोटिस जारी होने के बाद अब तक बीएसए के पास नहीं पहुंची है और न ही उन्होंने इस बात के प्रमाण दिए हैं कि उनके अभिलेख असली हैं। बीएसए का कहना है कि तैनाती के दौरान अभिलेख सुरक्षित रखे जाते हैं। ऑनलाइन जांच अन्य स्टाफ की चल रही है। लेकिन दीप्ति के मामले की जांच के लिए उन्होंने दो सदस्यीय कमेटी भी बना दी है। विजय प्रताप सिंह, बीएसए मैनपुरी  ने बताया कि पांच दिन पूर्व कस्तूरबा में कार्यरत दीप्ति सिंह नाम की शिक्षिका ने इस्तीफा भेजा था। इस मामले में बेवर की अनुदेशिका की ओर से शिकायत की गई है। दोनों दीप्ति सिंह को नोटिस भेजकर जबाब देने के लिए कहा गया है। जांच के लिए दो सदस्यीय कमेटी बना दी गई है। 

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