भोपाल। राजधानी भोपाल में पिछले कई महीनों से प्रदेश भर के अतिथि विद्वान आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन बहरी कमलनाथ सरकार के कानों तक उनकी आवाज नहीं पहुंची। आखिरकार अनिश्चित भविष्य और जर्जर आर्थिक स्थिति ने उमरिया जिले के अतिथि विद्वान संजय कुमार को आत्महत्या के विवश कर दिया। उनकी मौत के लिये कोई और नहीं, बल्कि कमलनाथ सरकार की संवेदनहीनता जिम्मेदार है। यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने उमरिया के चंदिया महाविद्यालय में क्रीड़ा अधिकारी के पद पर पदस्थ अतिथि विद्वान संजय कुमार की आत्महत्या पर रोष प्रकट करते हुए कही। राकेश सिंह ने कहा कि प्रदेश की गूंगी-बहरी कांग्रेस सरकार संवेदनहीनता के नए रिकॉर्ड बना रही है। ना उसे अपनी बर्बादी पर रो रहे प्रदेश के किसानों के खून के आंसू नजर आते हैं, ना दरिंदों के द्वारा कुचली जा रही मासूम बच्चियों और उनके परिजनों की वेदना महसूस होती है और ना ही जिंदा जलाए जा रहे दलितों की चीखें ही उसे सुनाई देती हैं। राकेश सिंह ने कहा कि अतिथि विद्वान सरकार की नाक के नीचे राजधानी भोपाल में महीनों से आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन इस सरकार के किसी मंत्री या कांग्रेस नेता ने उनकी समस्याओं को सुनने और समझने का प्रयास नहीं किया। राकेश सिंह ने कहा कि सरकार का रवैया अगर अपनी मांगों के लिये संघर्ष कर रहे अतिथि विद्वानों के प्रति ऐसा ही रहा, भविष्य में संजय कुमार जैसी घटनाओं की पुनरावृत्ति से इंकार नहीं किया जा सकता। सिंह ने मृत अतिथि विद्वान संजय कुमार के परिजनों के प्रति एकजुटता प्रदर्शित करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी हर कदम पर उनके सभी अतिथि विद्वानों के साथ खड़ी है।
अतिथि विद्वान की मौत के लिये कमलनाथ सरकार की संवेदनहीनता जिम्मेदार: राकेश सिंह
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