राहुल यादव, लखनऊ। कांग्रेस विधान मंडल दल की नेता अराधना मिश्रा मोना ने उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल को पत्र लिख कर बताया है कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को शासन द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है । व्यक्तिगत और राजनैतिक द्वैष के कारण उन पर बेबुनियाद और पूरी तरह से तथ्य रहित मुकदमा थाना कोतवाली हजरतगंज जनपद लखनऊ में सरकारी कर्मचारियों से दबाव बनाकर लिखाया गया है ।इसके पूर्व जब भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने बसों को नोएडा और गाजियाबाद से चलाने के लिये मुख्यमन्त्री को पत्र लिखा था और जब मुख्यमन्त्री कार्यालय ने उसे स्वीकार कर किया तो आगरा- राजस्थान सीमा पर अजय कुमार लल्लू ने उन बसों को उत्तर प्रदेष के अधिकारियों को सौंपने के लिये कहा गया है। पहले तो अधिकारियों ने अजय कुमार लल्लू से लगातार झंूॅठ बोला, कि अभी बसों को लेते हैं, परन्तु बाद में बिना कोई कारण बताये उ प्र , विधान सभा सदस्य अजय कुमार लल्लू , प्रदीप माथुर, पूर्व नेता, कांग्रेस विधान मण्डल दल तथा विवेक बंसल , पूर्व सदस्य, विधान परिषद को अमानवीय और असम्मान ढंग से गिरफ्तार कर लिया। दूसरे दिन उन्हें न्यायालय के सामने समय से पेश नहीं किया, और लखनऊ से पुलिस आने का इंतजार किया । उन पर दफायें लगायी गयी थी इसलिए जैसे ही उन्हें आगरा से जमानत मिली, लखनऊ से गयी पुलिस बलपूर्वक अमानवीय ढंग से रात में ही उन्हें लखनऊ ले आयी, और सबकी नजरों से बचाकर उन्हें मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया। अजय कुमार लल्लू को सिंचाई विभाग के गेस्ट हाउस लाया गया, उन्हें वकील से भी नहीं मिलने दिया । दूसरे दिन उन्हें लखनऊ जेल भेज दिया गया, जहांॅ उन्हें मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा है ।
उन्होंने राज्यपाल को बताय कि अजय कुमार लल्लू को आगरा में घसीटकर सड़क पर लाया गया, दूसरे दिन तब तक नहीं न्यायाधीश के सामने उन्हें पेश किया गया जब तक लखनऊ से पुलिस नहीं पहंुॅच गयी । यदि उन पर थाना कोतवाली हजरतगंज जनपद लखनऊ में मुकदमा दर्ज था तो वे कोई अपराधी नहीं थे, वे विदेश नहीं भाग जाते, उन्हें अवसर दिया जाना चाहिए था कि वे दर्ज एफ.आई.आर. के खिलाफ न्यायालय से न्याय ले सकें । तफ्तीश में आरोप के सत्यता की जॉच की जाती, और उन्हें जांच में सहयोग के लिये बुलाया जाता, यदि वे जांच में असहयोग करते, और प्रकरण में दोषी होते तो उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए था किन्तु उन्हें कोई अवसर नहीं दिया गया, यह नैसर्गिक न्याय का उल्लंघन है और सदस्य, विधान सभा के अधिकारों का भी उल्लंघन है । अजय कुमार लल्लू को लखनऊ के जिस मुकदमें में गिरफ्तार किया गया है उसके किसी भी प्रपत्र अथवा सूची में उनके कहीं भी हस्ताक्षर नहीं हैं, और न ही कही मौखिक रूप से उनके संवाद ही हैं, उन्हें एक षड़यंत्र के तहत गिरफ्तार किया गया है, जो पूरी तरह से अनुचित और अन्यायपूर्ण है ।
लखनऊ में उनके जमानत प्रार्थना पत्र को येनकेन अभियोजन पक्ष द्वारा प्रकारेण टाला जा रहा है ताकि उनकी जमानत न हो सके ।
उन्होंने कहा उत्तर प्रदेेश के ‘‘प्रथम नागरिक’’ होने के कारण आप संविधान की संरक्षक है, आप हमारे अधिकारों की रक्षा करेंगी, इसकी हमें पूर्ण आशा है ।
उन्होंने कहा कि अजय कुमार लल्लू के ऊपर दर्ज किया गया मुकदमा तत्काल वापस लिया जाय और उन्हें ससम्मान रिहा किया जाय, तथा उन अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाय जिन्होंने आगरा में और लखनऊ में अजय कुमार लल्लू को अमानवीय एवं असम्मान ढंग से गिरफ्तार किया और उन्हें प्रताड़ित किया ।
अजय कुमार लल्लू को थाना कोतवाली हजरतगंज, लखनऊ में दर्ज एक तथ्यहीन एवं आधारहीन मुकदमें में अमानवीय एवं असम्मान ढंग से गिरफ्तार किया गया है । उत्तर प्रदेष का अभियोजन विभाग किसी न किसी बहाने अजय कुमार लल्लू को येनकेन प्रकारेण जेल की यातना के लिये विवश कर रहा है, और हमें न्याय पाने में अवरोध उत्पन्न कर रहा है । हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है ।
आप उत्तर प्रदेष की संवैधानिक मुखिया है । मुझे कांग्रेस पार्टी के 5 सदस्यीय प्रतिनिधि मण्डल के साथ मिलने के लिये ‘‘समय’’ दिलवाएंं।