समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने यूपी में कानून व्यवस्था को लेकर सीएम योगी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि यूपी के मुख्यमंत्री ने अपने किए गए बड़े-बड़े वादों की मिट्टी पलीत होते देखकर उन्होंने अपनी आंखे मूंद ली है और कानून व्यवस्था को भी राम भरोसे छोड़ दिया है। हालात यह है कि पुलिस अपराधियों के हौसले बढ़ा ज्यादा रही है, तोड़ बहुत कम रही है।
उन्होंने कहा कि देश-विदेश में बदनामी क्या होगी कि प्रदेश में एटा जिले के एक कारोबारी की अपहरण के बाद हत्या फिर फिरौती वसूलने के बहाने उसकी पत्नी को बुलाकर अपहरण और गैंगरेप, 88 दिनों तक उसे बंधक रखा गया। वह महिला इंसाफ मांगती रही। उसकी एफआईआर पुलिस ने 3 साल तक नहीं लिखी।
सपा अध्यक्ष ने बताया कि अलीगढ़ में एक महिला ने एफआईआर लिखाई तो भाजपा नेता ही उसके विरोध में थाने पर प्रदर्शन करने लगे। लखनऊ में बीजेपी के पूर्व जिलाध्यक्ष के घर पर हमला हुआ और वाहन तोड़ दिया गया। बांदा में भाजयुमों मण्डल अध्यक्ष के घर से चोर नकदी जेवर ले गए। प्रदेश में रोज हत्याएं, लूट और बलात्कार की घटनाएं हो रही हैं। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो की एक रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश महिलाओं के लिए सर्वाधिक असुरक्षित है।
अखिलेश ने कहा कि प्रतापगढ़ में एडिशनल एसडीएम ने डीएम पर भ्रष्टाचार के सीधे आरोप लगाते हुए जिलाधिकारी के आवास पर धरना भी दे दिया। तो उसे निलंबित कर दिया गया। उन्होंने निशाना साधते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने साढ़े तीन साल में बिना कुछ किए सिर्फ जुमलेबाजी में निकाल दिए हैं। बड़े-बड़े सपने दिखाकर लोगों को खूब बहकाया किन्तु अब सब भाजपा की सच्चाई, कथनी करनी के बीच उसके अंतर को समझ गए हैं। कहते हैं काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती है। अच्छा होगा मुख्यमंत्री जी लोकभवन की गद्दी छोड़कर अपनी पुरानी गद्दी जाकर सम्हाल लें। इसी में विकास से दूर हो रहे प्रदेश और अपराधों की दहशत में जी रही जनता की भलाई है।