नई दिल्ली। भारत ने सुशीला चानू की अगुवाई में 2013 में महिला जूनियर हॉकी विश्व कप में कांस्य पदक जीता था और इस अनुभवी खिलाड़ी का मानना है कि इस बार सलीमा टेटे के नेतृत्व वाली टीम पहली बार स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच सकती है। भारतीय टीम पूल डी में अपने अभियान की शुरुआत शनिवार को वेल्स के खिलाफ करेगी।
दक्षिण अफ्रीका के पोटचेफस्ट्रूम में होने वाले इस टूर्नामेंट में भारत का अगला मुकाबला रविवार को जर्मनी से होगा। भारत अपने पूल के अंतिम मैच में मलेशिया का सामना करेगा जबकि आठ अप्रैल से क्वार्टर फाइनल दौर शुरू होगा।
सुशीला ने कहा, ‘‘यह मैदान के अंदर और मैदान के बाहर भी एक-दूसरे के बारे में बहुत अच्छी समझ रखने वाली टीम है। वे पिछले लंबे समय से एक टीम के रूप में अभ्यास करते रहे हैं और यहां तक कि उन्होंने भारतीय खेल प्राधिकरण् के बेंगलुरू और भुवनेश्वर केंद्रों पर लगाये गये राष्ट्रीय शिविरों में सीनियर महिला टीम के खिलाफ अभ्यास मैच भी खेले हैं जिनमें उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘टीम में ऐसे खिलाड़ी भी शामिल हैं, जिन्होंने ओलंपिक जैसे बड़े मंच पर सीनियर टीम का प्रतिनिधित्व किया है। इससे मुझे लगता है कि भारतीय जूनियर टीम इस बार स्वर्ण पदक जीतने की प्रबल दावेदार है।’’ भारतीय टीम में शामिल तीन खिलाड़ी कप्तान टेटे, मिडफील्डर शर्मिला देवी और स्ट्राइकर लालरेम्सियामी तोक्यो ओलंपिक में चौथे स्थान पर रहने वाली सीनियर टीम का हिस्सा थीं।