नई दिल्ली । संसद में आज विपक्ष सुषमा स्वराज के खिलाफ विशेषाधिकार प्रस्ताव ला सकता है। विपक्ष का आरोप है कि सुषमा ने नरेंद्र मोदी के लाहौर दौरे और बांडुंग कॉन्फ्रेंस के बारे में गलत जानकारी दी।
कांग्रेस ने गुरुवार को केंद्र सरकार की विदेश नीति पर जमकर हमला बोला और कहा कि भारत के पड़ोसियों के साथ रिश्ते अच्छे नहीं हैं। जवाब में डोकलाम पर सुषमा स्वराज ने कहा, “जंग किसी समस्या का हल नहीं है। डोकलाम पर चीन के साथ मिलकर मुद्दा सुलाझाने की कोशिश कर रहे हैं, हमारी बाइलेटरल रिश्तों पर भी चीन के साथ बातचीत चल रही है। अक्लमंदी यही है कि विवाद का हल डिप्लोमैसी के जरिए निकाला जाए।
“सुषमा ने गुरुवार को संसद में कहा था, “2014 में मोदी सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में तमाम पड़ोसी नेताओं के साथ नवाज शरीफ को भी न्योता भेजा गया था। तब से लेकर आज तक पाकिस्तान के साथ भारत के संबंध उतार-चढ़ाव भरे रहे हैं।”
“जब मैं 9 दिसंबर, 2015 को हार्ट ऑफ एशिया सम्मेलन में हिस्सा लेने पाकिस्तान गई थी, तब शरीफ ने नए सिरे से बातचीत शुरू करने की बात कही थी। इसे हमने कॉन्प्रीहेंसिव बाइलेट्रल डायलॉग कहा था।” “पाकिस्तान से रिलेशन उस वक्त ऊंचाई पर पहुंच गए, जब 25 दिसंबर, 2015 को मोदी प्रोटोकॉल को दरकिनार कर शरीफ को जन्मदिन की बधाई देने लाहौर पहुंच गए। नवाज ने उन्हें बुलाया तो पीएम चले गए। पीएम का काबुल से लाहौर तक जाना सब पब्लिक डोमैन में है।”
“1 जनवरी 2016 को पठानकोट पर आतंकी हमला हुआ। इसके बाद भी दोस्ती बदरंग नहीं नहीं हुई। पाक ने पहले की तरह ही इससे पल्ला झाड़ा और एक जांच टीम गठित कर दी।” “कहानी वहां बदली, जब हिजबुल मुजाहिदीन नाम का हिजबुल मुजाहिदीन कमांडर एनकाउंटर में मारा गया और पाक ने उसे शहीद घोषित कर दिया।”