
अशाेेेक यादव, लखनऊ। कोरोना वायरस जैसी महामारी से निपटने में सभी देशों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।भारत में भी कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या एक लाख का आंकड़ा पार कर चुकी है।
ऐसे में देश की अर्थव्यवस्था पर भी इसका असर पड़ रहा है. राज्यों को होने वाली आय भी प्रभावित हो गई है। अब इसको देखते हुए कई राज्य सरकारों ने कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अब एक कड़ा कदम उठा लिया है। सरकारी खर्चों में कटौती के लिए राज्य में कई कार्यों में अगले आदेश तक रोक लगा दी गई है।
इनमें नई गाड़ियों से लेकर हवाई यात्रा में बिजनेस क्लास में सफर तक बैन कर दिया गया है। अतिरिक्त मुख्य सचिव (वित्त) संजीव मित्तल ने इस बारे में अवगत करते हुए बताया कि एक कमेटी ने इस बारे में फैसला लिया है। अगले आदेश तक पूरे राज्य में निम्न प्रावधान लागू रहेंगे….
- सरकारी कार्यों के लिए नई गाड़ी और हवाई जहाज के बिजनेस क्लास में सफर करने पर रोक रहेगी।
- टूर के बजाए अधिकारी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मीटिंग करेंगे।
- कोई भी अधिकारी किसी फाइव या फिर सेवन स्टार होटल में किसी तरह की कॉन्फ्रेंस, सेमिनार या मीटिंग आयोजित नहीं करेगा. इसके लिए सरकारी इमारतों का प्रयोग किया जाएगा।
- 16 लाख सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाले छह तरह के भत्तों पर भी रोक लगा दी गई है।
- राज्य में कोई बड़ी योजना को लॉन्च नहीं किया जाएगा।
- राज्य सरकार के मंत्रियों के वेतन और भत्तों में कटौती की गई है ताकि सरकारी खजाने पर पड़ने वाले बोझ को कम किया जा सके।
- कोई नया पद सृजित नहीं किया जाएगा, जिससे सरकारी खर्चों पर नियंत्रण रहेगा।
- तकनीक के विस्तार जो पद बेकार हो गए हैं, वहां पर लगे स्टाफ को किसी अन्य विभाग में नियुक्त किया जाएगा।
- कोई नया निर्माण कार्य शुरू नहीं होगा. वहीं पहले से चल रहे प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य जारी रहेगा।
- किसी भी विभाग में सलाहकार और चेयरपर्सन को नियुक्त करने पर रोक लगा दी गई है।
- केंद्र की योजनाओं में राज्य सरकार का शेयर किस्तों में दिया जाएगा।
- इसके अलावा विधायक और एमएलसी को मिलने वाली विकास निधि पर भी रोक लग गई है।