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सदन में विपक्ष का आचरण निंदनीय, लोकतंत्र को कमजोर करने वाला: मुख्यमंत्री योगी

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य विधानमण्डल के बजट सत्र के पहले दिन मंगलवार को राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान विपक्षी सदस्यों के हंगामे की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि लोकतंत्र को कमजोर करने वाले इस आचरण से ही अनुमान लगाया जा सकता है कि वे दल किस तरह की व्यवस्था चाहते हैं। योगी आदित्यनाथ ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि अभिभाषण के दौरान राज्यपाल के सामने सपा, बसपा और कांग्रेस सदस्यों ने जिस तरह का आचरण किया है वह निंदनीय है। इस तरह के असंवैधानिक और आलोकतांत्रिक प्रदर्शन से संसदीय लोकतंत्र और सदन की गरिमा भंग होती है। उन्होंने विपक्षी सदस्यों के आचरण को संसदीय लोकतंत्र को कमजोर करने वाला बताते हुए कहा कि इससे साबित होता है कि इन सदस्यों की लोकतंत्र में निष्ठा नहीं है और वे संवैधानिक संस्थाओं को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सपा सदस्यों ने गुंडागर्दी कर राज्यपाल पर कागज के गोले उछाले।

इससे स्पष्ट है कि सपा गुंडागर्दी वाले आचरण से अब भी बाज नहीं आ पा रही है। इनकी कार्यप्रणाली जब सदन में इतनी अराजक, अनुशासनहीन और बर्बर हो सकती है तो सार्वजनिक जीवन में इनका आचरण कैसा होता होगा, उन्होंने कहा कि राज्यपाल प्रदेश की सर्वोच्च संवैधानिक संस्था है। सभी सदस्यों द्वारा दलीय निष्ठा से हटकर उनके प्रति सम्मान का भाव संसदीय लोकतंत्र को मजबूती देता है। लेकिन सदस्यों ने सदन में जो आचरण किया है, वह निंदनीय है। देश की संसदीय लोकतंत्र की परंपराएं हैं, राज्यपाल संयुक्त सदनों को संबोधित करते हैं, आज राज्यपाल ने दोनों सदनों को संबोधित किया है, संयुक्त सत्र के संबोधन में राज्यपाल के सामने सपा बसपा और कांग्रेस का आचरण निंदनीय है, संसदीय लोकतंत्र ऐसे प्रदर्शन से तार तार होता है, राज्यपाल को लेकर जिस तरह नारेबाजी की, कागज के गोले फेंके वो निंदनीय आचरण है, समाजवादी पार्टी गुंडागर्दी के आचरण से बाज नही आ रही है,

सपा बसपा ने अशिष्ट आचरण पेश किया, सपा बसपा का आचरण लोकतंत्र को कमजोर करता है, संसदीय लोकतंत्र की उच्च परंपरा रही है, विधान सभा मे वर्ष की शुरुआत में राज्यपाल संयुक्त सदन में अभिभाषण देते हैं, राज्यपाल ने आज दोनों सदनों को एक साथ सम्बोधित किया, राज्यपाल का आभार, इस तरह के आचरण से सदन की गरिमा गिरती है, इन दलों का आचरण लोकतंत्र को कमजोर करने वाला, जब सदन में ऐसा आचरण है तो ऐसे सदस्यों का सामान्य जीवन में कैसा आचरण होगा, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है, राज्यपाल दलीय भावनाओं से ऊपर होते हैं लेकिन उनके प्रति विपक्ष का आचरण उचित नही रहा। अर्पणा राज्यपाल राम नाईक द्वारा समवेत सदन में अभिभाषण की शुरुआत करते ही विपक्षी सदस्यों ने जोरदार हंगामा शुरू कर दिया। उन्होंने‘राज्यपाल वापस जाओ’के नारे लगाये और नाईक की तरफ कागज के गोले फेंके। हालांकि इसके बावजूद राज्यपाल ने पूरा अभिभाषण पढ़ा।

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