संयुक्त राष्ट्र में मानवाधिकार मामलों के एक विशेषज्ञ ने म्यांमार में तख्तापलट के विरोध में बड़े प्रदर्शनों के बीच देश में बड़ी हिंसा की आशंका को लेकर आगाह किया है। संयुक्त राष्ट्र के दूत टॉम एंड्र्यू ने कहा कि उन्हें यंगून में सैनिकों को भेजे जाने की खबरें मिली हैं।
जिनेवा में एंड्रुयू के कार्यालय की ओर से जारी बयान में उन्होंने कहा, ‘‘ पहले भी, ऐसी सैन्य कार्रवाईयों में बड़े स्तर पर लोगों की जान गई हैं, लोग गायब हुए हैं या उन्हें हिरासत में लिया गया है।’’
एंड्रूयू ने कहा कि व्यापक स्तर पर प्रदर्शन और सैनिकों की तैनाती के मद्देनजर उन्हें डर है कि ‘‘हम म्यांमार के लोगों के खिलाफ सेना की क्रूर कार्रवाई देख सकते हैं।’’ सेना और पुलिस की हिंसक कार्रवाइयों की आशंका के बीच देश में बुधवार को व्यापक स्तर पर प्रदर्शन होने वाले हैं।
यंगून और अन्य शहरों में प्रदर्शनकारियों के समूह एक फरवरी को हुए सैन्य तख्तापलट के खिलाफ एवं देश की निर्वाचित नेता आंग सान सू ची एवं उनकी अपदस्थ सरकार के सदस्यों की हिरासत से रिहाई की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
देश में हुए सैन्य तख्तापलट ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को स्तब्ध कर दिया। तब से सैन्य शासन ने प्रदर्शनकारियों पर दबाव बढ़ाया है जिनमें कुछ प्रदर्शनों पर बल प्रयोग करना और इंटरनेट सेवाएं निलंबित करना आदि कदम शामिल हैं।