लखनऊ : ‘विजय दिवस’ के उपलक्ष्य में रविवार प्रातः यहां लखनऊ छावनी स्थित मध्य कमान के युद्ध स्मारक ‘स्मृतिका’ पर माल्यार्पण कर उन जाबांज वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई जिन्होंने 1971 में भारत-पाक युद्ध के दौरान देश की रक्षा के लिए अपने सर्वोच्च प्राणों की आहूति दे दी थी। इस अवसर पर मध्य कमान मुख्यालय के मेजर जनरल पीपी सिंह सहित स्टेशन के वरिष्ठ सैन्यधिकारियों एवं जवानों ने मध्य कमान के युद्ध स्मारक ‘स्मृतिका’ पर पुष्प चक्र अर्पित कर जाबांज शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी।
तदोपरांत सेना की एक टुकड़ी ने सलामी सशस्त्र दी तथा बिगुलर द्वारा अंतिम धुन बजाई गई। इस दौरान ले0 जनरल शर्मा ने शहीदों को सलामी दी। शहीद सैनिकों की दिवंगत आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन भी रखा गया। 1971 के भारत-पाक युद्ध के दौरान हमारी सेना ने पाकिस्तानी सेना के तत्कालीन चीफ जनरल अमीर अब्दुल्ला खान नियाजी को 93000 से अधिक सैनिकों के साथ आत्म समर्पण करने पर मजबूर कर दिया था। भारतीय सेना एवं मुक्ति वाहिनी का नेतृत्व कर रहे जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा ने अपने कुशल यद्ध
रणनीति के तहत युद्ध के मात्र 14 दिनों में पाकिस्तान पर विजय हासिल की।
03 दिसंबर 1971 कोशुरू हुए भारत-पाक युद्ध के दौरान भारतीय सेना ने अपनी वीरता एवं अदम्य साहस का परिचय दिया और पूर्वी एवं पश्चिमी सीमा पर लड़ते हुए विजय हासिल की जोकि विश्व सैन्य इतिहास में एक उपलब्धि के रूप में दर्ज है। 16 दिसंबर को हुई भारत की इस शानदार विजय के उपलक्ष्य में हर वर्ष इस दिन को ‘विजय दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।