वायनाड: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को कहा कि वह माकपा के सारे हमलों को झेलेंगे और प्रचार अभियान के दौरान वाम दलों के खिलाफ कुछ नहीं बोलेंगे, जो केरल के वायनाड से उनकी उम्मीदवारी को लेकर नाराज हैं.वायनाड लोकसभा सीट से नामांकन दाखिल करने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए गांधी ने यह भी कहा कि वह उत्तर और दक्षिण की सीटों से एक संदेश देने के लिये लड़ रहे हैं. कांग्रेस अध्यक्ष उत्तर प्रदेश के अमेठी के अपने परंपरागत गढ़ के साथ ही केरल की वायनाड सीट से भी चुनाव लड़ रहे हैं.उन्होंने कहा, माकपा और कांग्रेस के बीच केरल में चुनावी मुकाबला है. यह चलता रहेगा. मैं समझता हूं कि माकपा को मुझसे लड़ना पड़ेगा.
लेकिन मैं माकपा के खिलाफ एक शब्द नहीं कहूंगा. गांधी ने कहा, मैं यहां एकता का संदेश देने आया हूं कि दक्षिण भारत भी महत्वपूर्ण है और मैं पूरी तरह समझता हूं कि माकपा को मुझ पर हमला करना है. इसलिये, मैं उनके सारे हमले खुशी से झेलूंगा, लेकिन मेरे मुंह से प्रचार अभियान के दौरान आप उनके खिलाफ एक शब्द भी नहीं सुनेंगे.उन्होंने कहा कि देश के सामने दो मुख्य मुद्दे हैं- नौकरियों की कमी और कृषि संकट. प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, किसान इस बात से अनभिज्ञ हैं कि भविष्य में उनके लिये क्या है. युवा रोजगार की तलाश में राज्य दर राज्य भटक रहे हैं और (प्रधानमंत्री) नरेंद्र मोदी दोनों ही मोर्चों पर विफल हुए हैं. गांधी ने यह भी कहा, प्रधानमंत्री ने जब कहा कि वह चैकीदार होंगे तो देश ने उन पर भरोसा किया. लेकिन, चैकीदार ने खुद अनिल अंबानी को वायुसेना का 30,000 करोड़ रुपया दे दिया.
राजग सरकार पर एक बार फिर राफेल सौदे को लेकर हमला करते हुए उन्होंने कहा, उन्होंने (मोदी ने) रुपये चुराये और अनिल अंबानी को दे दिये जिन्हें कोई अनुभव (विमान निर्माण का) नहीं थाअनिल अंबानी 45,000 करोड़ रुपये के कर्ज में हैं. हालांकि सरकार ने राफेल सौदे में किसी भी तरह के भ्रष्टाचार से बार-बार इनकार किया है. वायनाड से अपनी उम्मीदवारी पर गांधी ने कहा कि वह संदेश देना चाहते थे कि भारत एक है. राहुल ने कहा, मैं केरल एक संदेश देने आया हूं कि भारत एक है. दक्षिण, उत्तर, पूर्व, पश्चिम, मध्य…सब एक हैं. देश भर में संघ और भाजपा द्वारा हमले किये जा रहे हैं.मैं सिर्फ एक संदेश देना चाहता था कि मैं दक्षिण भारत और उत्तर भारत से खड़ा होउंगा. मेरा उद्देश्य एक संदेश देना था. गांधी ने कहा, दक्षिण भारत में यह धारणा है कि जिस तरह से नरेंद्र मोदी सरकार काम कर रही है, उनकी संस्कृति, भाषा, इतिहास सब पर हमले हो रहे हैं. इसलिये मैं एक संदेश देना चाहता था कि मैं उत्तर और दक्षिण से लड़ूंगा.