नई दिल्ली: लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने सख्त कदम उठाते हुए सदन में पिछले दो दिन में आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिये जाने की मांग को लेकर नारेबाजी कर रहे तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) तथा कावेरी बांध मुद्दे पर हंगामा कर रहे अन्नाद्रमुक के सदस्यों समेत कुल 45 सदस्यों को शीतकालीन सत्र के शेष कामकाजी दिनों के लिए निलंबित कर दिया. लोकसभाध्यक्ष ने गुरुवार को तेदेपा और अन्नाद्रमुक के सदस्यों समेत कुल 21 सदस्यों को चार कामकाजी दिनों के लिए निलंबित कर दिया. इससे पहले उन्होंने बुधवार को अन्नाद्रमुक के 24 सदस्यों को पांच कामकाजी दिनों के लिए निलंबित कर दिया था. लोकसभा अध्यक्ष ने बुधवार को जानबूझकर सदन में आसन के समीप आकर और नियमों का उल्लंघन करते हुए कार्यवाही में बाधा डालने के लिए तेदेपा के 13 सदस्यों और अन्नाद्रमुक के 7 सदस्यों को नियम 374 ए के तहत सदन की कार्यवाही से चार कामकाजी दिनों के लिए निलंबित कर दिया.
इनके साथ ही असंबद्ध सदस्य रेणुका बूटा को भी चार कामकाजी दिन के लिए निलंबित कर दिया गया। रेणुका बूटा वाईएसआर कांग्रेस पार्टी की टिकट पर विजयी हुई थी. एक बार के स्थगन के बाद जब सदन की कार्यवाही दोपहर 12 बजे आरंभ हुई तो अन्नाद्रमुक के सदस्य नारेबाजी करते हुए आसन के निकट पहुंच गए. इस दौरान इनमें से कुछ सदस्य कागज के टुकड़े उछालने लगे. इस दौरान तेदेपा सदस्य भी अपनी मांग को लेकर नारेबाजी कर रहे थे. लोकसभा अध्यक्ष ने हंगामा कर रहे सदस्यों को चेतावनी दी कि वे अपने स्थान पर जाएं, नहीं तो ‘मैं नेम करूंगी. हंगामे के बीच संसदीय कार्य मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि सदन की मर्यादा भंग की जा रही है. राफेल मामले पर और देश के मुद्दों पर चर्चा होनी है. सदस्यों से आग्रह है कि अपने स्थान पर जाएं. लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन के दोबारा चेतावनी देने के बाद भी स्थिति ज्यों की त्यों बनी रही और कुछ सदस्य कागज के टुकड़े फेंकते रहे. इसके बाद स्पीकर ने 19 सदस्यों को चार कामकाजी दिनों के लिए सदन से निलंबित कर दिया.
इसके बाद उन्होंने कार्यवाही दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी. तेदेपा के निलंबित किये गये 11 सदस्यों में पूर्व केंद्रीय मंत्री अशोक गजपति राजू, जयदेव गल्ला, टी नरसिंहन, मुरली मोहन, वेंकटेश्वर राव मगंत्ती, श्रीराम मलयाद्रि, के निम्मला, राममोहन नायडू, कोनकल्ला नारायण राव, एम श्रीनिवास राव और जेसी दिवाकर रेड्डी हैं. अन्नाद्रमुक के निलंबित किये गये सात सदस्यों में ए अरुणमोझितेवन, गोपालकृष्णन चिन्नाराज, आर गोपालकृष्णन, आर पी मुरुताराजा, जे टी नटर्जी, वी पनीरसेल्वम और पी आर सेंतिलनाथन हैं. दो बार के स्थगन के बाद जब सदन की कार्यवाही दोपहर दो बजे शुरू हुई तो तेदेपा के अशोक गजपति राजू, जयदेव गल्ला, टी नरसिंहन और श्रीराम मलयाद्रि समेत निलंबित किये गये पार्टी सदस्य पुनरू आसन के समीप आकर नारेबाजी कर रहे थे। अन्नाद्रमुक के कुछ सदस्य भी अपनी मांग को लेकर हंगामा कर रहे थे. लोकसभा अध्यक्ष महाजन ने निलंबित सदस्यों को सदन से बाहर जाने को कहा.
उन्होंने तेदेपा के दो और सदस्यों श्रीनिवास केसीनेनी और पी रवींद्र बाबू को भी चार कामकाजी दिनों के लिए निलंबित कर दिया। हंगामा थमता नहीं देख उन्होंने सदन की बैठक को दिनभर के लिए स्थगित कर दिया. लोकसभा की कार्यवाही का अंतिम दिन 8 जनवरी है। इस तरह उक्त सदस्य सत्र के शेष हिस्से में भाग नहीं ले सकेंगे. गौरतलब है कि कावेरी मुद्दे पर हंगामा कर रहे अन्नाद्रमुक के 24 सदस्यों को बुधवार को पांच कामकाजी दिनों के लिए निलंबित किया गया था. इन सदस्यों में के अशोक कुमार, आर के भारती मोहन, एम चंद्रकाशी, एस जी हरि, जय कुमार जयवर्द्धन, के परसुरामन, के कामराज, पी कुमार, एम वसंती, सी महेन्द्रन, के मगर्थन, पी नागराजन, आर पारथीपन,
के आर पी प्रभाकरण, ए अनवर रजा, टी राधाकृष्णन, एस राजेन्द्रन, वी सत्यभामा, एस सेल्वकुमार, पी आर सुंदरम, एम उदयकुमार, वी येदुमलाई, आर वनरोजा और टी जी वेंकटेश बाबू शामिल हैं । लोकसभा में अन्नाद्रमुक के 37 सदस्य हैं. उल्लेखनीय है कि संसद के शीतकालीन सत्र की 11 दिसंबर को शुरूआत के बाद से ही अन्नाद्रमुक सदस्य कावेरी नदी पर बांध के निर्माण का विरोध कर रहे हैं और तेदेपा के सदस्य आंध्र प्रदेश के लिए विशेष राज्य की दर्जे की मांग को लेकर हंगामा कर रहे हैं.