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लोकसभा चुनाव 2019: सचिन पायलट ने कहा- प्रियंका के आने से तीन महीने में पलट जाएगा पासा…

नई दिल्ली: राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि प्रियंका गांधी के सक्रिय राजनीति में आने से तीन महीने के भीतर पासा पलट जाएगा तो वहीं भाजपा बोली कि अगले चुनावी समर में इसका कोई असर नहीं पडे़गा. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को प्रियंका गांधी को पार्टी का महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश प्रभारी बनाने की घोषणा की थी. राहुल ने बृहस्पतिवार को कहा कि ‘उन्होंने उत्तर प्रदेश में नवनियुक्त प्रभारियों प्रियंका गांधी वाड्रा और ज्योतिरादित्य सिंधिया को एक लक्ष्य दिया है. उनसे कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में अगले चुनाव में कांग्रेस की सरकार बनानी है. प्रियंका के राजनीति में प्रवेश ने समर्थकों में जोश भर दिया है. बनारस में समर्थकों ने पोस्टर लगाते हुए आगामी लोकसभा चुनाव में उन्हें यहां से प्रत्याशी बनाने का आग्रह किया है. बनारस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है. प्रियंका के अगले महीने से उत्तर प्रदेश में रोड शो की अटकलों के बीच पायलट ने कहा कि “यह कदम अगले तीन महीनों में पासा पलटने वाला साबित होगा.

” लोकसभा चुनाव इस वर्ष अप्रैल-मई में होने हैं. पायलट जयपुर साहित्य महोत्सव के पहले दिन यहां ‘लोकतंत्र, स्वतंत्रता और राजनीतिक प्रक्रिया: भविष्य की तलाश’ विषय पर आयोजित सत्र में बोल रहे थे. उधर, अपने संसदीय क्षेत्र अमेठी में दौरे के दूसरे दिन यहां सालोन क्षेत्र में एक सभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस आगामी लोकसभा चुनाव को “पूरी ताकत” से लड़ेगी. राहुल ने खुद को, अपनी बहन और मां सोनिया गांधी को संसदीय क्षेत्र के लोगों का “सिपाही” बताया. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा,‘उत्तर प्रदेश में नवनियुक्त प्रभारियों प्रियंका गांधी वाड्रा और ज्योतिरादित्य सिंधिया को एक लक्ष्य दिया है. उनसे कहा है कि उत्तर प्रदेश में अगले चुनाव में कांग्रेस की सरकार बनानी है.’ प्रियंका के साथ ही ज्योतिरादित्य सिंधिया को पश्चिमी उत्तर प्रदेश का प्रभारी बनाने का ऐलान किया गया है. राहुल गांधी ने 2014 का लोकसभा चुनाव अमेठी से जीता था. वहीं उनकी मां सोनिया गांधी इससे सटी रायबरेली सीट से सांसद हैं. प्रियंका ने अभी तक खुद को भाई और मां के निर्वाचन क्षेत्रों में चुनाव प्रचार तक सीमित रखा है. ये दोनों सीटें अब प्रियंका गांधी के प्रभार वाले क्षेत्र में हैं. नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र बनारस और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का गढ़ गोरखपुर भी पूर्वी उत्तर प्रदेश में पड़ता है.

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव हरीश रावत ने बृहस्पतिवार को प्रियंका गांधी वाड्रा को सक्रिय राजनीति में लाने के कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के निर्णय का स्वागत किया और कहा कि इससे केंद्र में संप्रग के वापस आने का मार्ग प्रशस्त होगा. असम के प्रभारी रावत ने कहा, ‘प्रियंका गांधी वाड्रा का सक्रिय राजनीति में पदार्पण संभावनाओं से भरा हुआ है. मुझे विश्वास है कि इससे उत्तर प्रदेश में पार्टी पुनर्जीवित होगी और हर वर्ग के लोग उसी प्रकार कांग्रेस के पीछे खड़े हैं जैसे वे राहुल गांधी के आह्वान पर संप्रग दो का मार्ग प्रशस्त करने के लिये 2009 में खड़े थे.’ देहरादून में जारी एक बयान में उन्होंने कहा, ‘राहुल गांधी के नेतृत्व में हम एक बार फिर इतिहास लिखेंगे और एक बड़ा राजनीतिक परिवर्तन लायेंगे.’

वहीं, भाजपा ने प्रियंका गांधी के सक्रिय राजनीति में प्रवेश से लोकसभा चुनाव पर कोई फर्क नहीं पड़ने का दावा किया. केंद्रीय मंत्री एवं उत्तरप्रदेश के गाजीपुर से सांसद मनोज सिन्हा ने कहा कि प्रियंका की नियुक्ति कांग्रेस पार्टी द्वारा राज्य में कुछ महत्व हासिल करने का प्रयास है क्योंकि राज्य में कांग्रेस की स्थिति खस्ता है और बसपा-सपा ने भी गठबंधन में उसे कोई तवज्जो नहीं दी . मनोज सिन्हा ने दिल्ली में पार्टी मुख्यालय में संवाददाताओं से कहा कि प्रियंका गांधी को महासचिव बनाये जाने के बारे में यहां चर्चा हो रही है लेकिन ऐसा लगता है कि उस क्षेत्र के लोग इस पर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं जिस क्षेत्र का प्रभार उनकी पार्टी ने उन्हें दिया है.

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