अशाेक यादव, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में इस समय स्थानांतरण व पटल परिवर्तन का दौर चल रहा है। आरोप है कि स्वास्थ्य विभाग में स्थानांतरण के नाम पर स्वास्थ्यकर्मियों का शोषण हो रहा है। ऐसे में उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने आन्दोलन की चेतावनी दी है।
बताया जा रहा है कि कि यदि शासन की नीति व सरकार की मंशा के विपरीत यदि स्थानांतरण होगा तो कर्मचारियों के सामने आंदोलन के सिवाय कोई और रास्ता नहीं बचेगा। इसी के तहत उत्तर प्रदेश राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के प्रतिनिधिमंडल ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य के महानिदेशक से मुलाकात कर स्थानांतरण नीति के विपरीत जाकर किए जा रहे स्थानांतरण की मंशा पर विरोध जताया है।
प्रदेश महामंत्री अतुल मिश्रा ने बताया है कि शासन की स्थानांतरण नीति में समूह ग एवं घ के लिए नीतिगत स्थानांतरण की कोई व्यवस्था नहीं है। समूह ग के लिए मात्र पटल परिवर्तन, क्षेत्र परिवर्तन की नीति शासन द्वारा बनाई गई है। उसके विपरीत जाकर महानिदेशालय द्वारा समूह ग के कर्मचारियों की व्यापक स्थानांतरण की नीति लाई जा रही है। जो पूर्ण रूप से गलत है व उसमें भ्रष्टाचार की बू आ रही है।
यदि शासन की नीति के विपरीत जाकर समूह ग के कर्मचारियों का नीतिगत स्थानांतरण किया जाएगा तो राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद आंदोलन के लिए बाध्य होगी ।महानिदेशक ने आश्वासन दिया कि शासन की नीति के विपरीत किसी भी कर्मचारी का स्थानांतरण नहीं किया जाएगा।
इस दौरान डिप्लोमा फार्मासिस्ट एसोसिएशन के महामंत्री उमेश मिश्रा ,लैब टेक्नीशियन एसोसिएशन के सचिव कमल श्रीवास्तव ,एक्स-रे टेक्नीशियन एसोसिएशन के अध्यक्ष राम मनोहर कुशवाहा ,ऑप्टोमेट्रिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष जी एम सिंह ,डेंटल हाइजीनिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष डी डी त्रिपाठी व महासचिव राजीव तिवारी , फ़िजीओथेरपी एसोसिएशन के महामंत्री अनिल कुमार सहित विभिन्न कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित रहे।