अशाेक यादव, लखनऊ। नियमों को दरकिनार कर चहेतों की तैनाती और कार्यों के बंटवारों के खेल में उच्चाधिकारियों की भी भूमिका सामने आ रही है। वहीं सबसे खासबात यह है कि इन सभी मामलों में मध्यांचल एमडी सूर्यपाल गंगवार को अंधेरे में रखा गया है।
शुक्रवार को निदेशक वित्त महेश चंद पाल को कई बार फोन किया गया, लेकिन उन्होंने फोन तक उठाना वाजिब नहीं समझा। वहीं 31 मार्च को अमृत विचार में छपे तैनाती और कार्यों के बंटवारें में अनियमितता पर गोलमोल जवाब देकर पल्ला झाड़ लिया था। उधर जब निदेशक वित्त का फोन नहीं उठा तो निदेशक कार्मिक, प्रशासन उत्तर प्रदेश पॉवर कार्पोरेशन एके पुरवार से बात हुई।
उन्होंने कहा कि निदेशक वित्त से बात करेंगे, यदि अनियमितता हुई है तो ठीक नहीं है। जांच कराई जाएगी, इसके बाद दोष सिद्ध होने पर दोषियों पर कार्रवाई होगी। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अभी मुझे कोई विशेष जानकारी नहीं है, पहले दोनों पक्षों की बात को जानने की कोशिश करुंगा।
तैनाती और कार्यों के बंटवारे का खेल करने वाले नीरज चतुर्वेदी ने एक ही कुर्सी पर तीन प्रमोशन ले लिया। नीरज चतुर्वेदी की नियुक्ति सबसे पहले लेखा संवर्ग में लेखाकार के पद पर हुई। इसके बाद सहायक लेखाधिकारी और लेखाधिकारी प्रशासन के पद पर तैनात हैं। बता दें कि बीते 15 सालों से नीरज चतुर्वेदी मध्यांचल में ही तैनात हैं।
लेखा संवर्ग में नियमों को दरकिनार कर ट्रांसर्फर, पोस्टिंग के साथ ही कार्यो के बंटवारों खेल किया गया। इस कारनामे को लखनऊ जोन के मुख्य अभियंता को किनारे करके किया गया। जबकि नियमों के तहत लखनऊ जोन के अंतर्गत आने वाले डिवीजन और सर्किल कार्यालयों में तैनाती का पूरा अधिकार मुख्य अभियंता का होता है। लेकिन उन्हें भनक नहीं लगने दी गई।
बता दें कि मध्यांचल और लेसा, लेसा जोन में जल्द ही प्रमोशन पाए सहायक लेखाधिकारियों को मूल चार्ज के साथ ही दो से लेकर चार तक अतिरिक्त चार्ज दिए गए हैं। जबकि बहुत से लेखाकारों या सहायक लेखाधिकारियों को किनारे कर दिया गया है।
सहायक लेखाधिकारी प्रवीण कुमार अस्थाना की मूल तैनाती विद्युत कार्यशाला मंडल लखनऊ क्षेत्र में हैं। इन्हें अतिरिक्त कार्यभार के रूप में विद्युत कार्यमंडल लखनऊ क्षेत्र, विद्युत कार्य खंड लखनऊ क्षेत्र दिया गया है। इसके साथ ही सहायक लेखाधिकारी शैलेन्द्र कुमार सोनकर पर भी उच्चाधिकारियों की नजरें इनायत रहीं। इनकी मूल तैनाती विद्युत वितरण मंडल द्वितीय रायबरेली है। इन्हें मूल चार्ज के साथ ही विद्यृत विरतण मंडल सलोन, ऊचाहार, लालगंज और विद्युत परीक्षण खंड द्वितीय का अतिरिक्त चार्ज दिया गया है।
वहीं राजेश कुमार सहायक लेखाधिकारी की तैनाती सर्किल सात, सीस गोमती में है। इन्हें इस चार्ज के साथ ही विद्युत वितरण खंड कानपुर रोड और सर्किल चार के खंड दो की अतिरिक्त जिम्मेदारी लेखा सहायक अधिकारी के रुप में दी गई है। इसके अलावा सहायक लेखाधिकारी गौतम कुमार विद्युत कार्यशाला खंड लखनऊ क्षेत्र में तैनाती है। इसके साथ ही विद्युत जानपद खंड गोमतीनगर की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है।
खास बात है कि गौतम कुमार अभी हाल ही में मध्यांचल में आए हैं इनकी अभी डिपी चल रही है। यानि की इसके बाद भी इन्हें गलत तरीके से प्रमोशन दे दिया गया है। देवेश कुमार लेखाकर हैं। इनकी तैनाती लेखाकार के रुप में मध्यांचल में हैं, इन्हें अपने मूल चार्ज के साथ ही स्टोर की जिम्मेदारी दे दी गई है। जबकि लेसा में इनकी तैनाती हो ही नहीं सकती है। कुछ इसी तरह के हाल आलोक कुमार सिंह के हैं इन्हे भी लखनऊ जोन में अतिरिक्त तैनाती दी गई है। जबकि इनकी मूल तैनाती शक्ति भवन के पॉवर सेक्टर ट्रस्ट में तैनाती है।