एक बिचौलिए की मानें तो 50 हजार से एक लाख रुपये में एक अच्छी दुल्हन का सौदा हो सकता है और इस संबंध में कोई ख़तरा भी नहीं होता। बिचौलिया दावा करता है कि ऐसी शादियों में कोई बुराई नहीं है, क्योंकि इसमें लड़की और लड़के के परिवार वाले दोनों सहमत होते हैं। शादी के लिए ज्यादातर लड़कियां मध्य प्रदेश, बिहार और झारखंड से बेचने के लिए लाई जाती हैं, लेकिन यहां राजस्थान में भी अब लड़कियां उपलब्ध होने लगी हैं। ब्राह्मण, जैन, बनिया और माहेश्वरी समुदाय में इस तरह की शादियां ज्यादा हो रही हैं।
दूसरी तरफ दुलीचंद का कहना है कि शादी के लिए मेरे समुदाय में कोई लड़की नहीं मिली, तो उन्होंने झारखंड से दुल्हन खरीद ली, इसमें कोई बुराई भी नहीं है और हमारी शादी सफल है। जहां एक तरफ दुलीचंद इस तरह की शादी को सफल मान रहे हैं, वहीं कई खरीदी गईं दुल्हनों के भाग जाने के भी मामले सामने आ रहे हैं। कई दुल्हन शादी के कुछ दिन बाद रफूचक्कर हो गईं।
कुछ महीने पहले जयपुर के एक कारोबारी की खरीदी हुई दुल्हन पैसे और जेवरों के साथ चंपत हो गई। ऐसी लड़कियां ज्यादातर गरीब परिवारों से होती हैं, जिनके परिवारवाले दहेज नहीं दे पाते, जिसकी वजह से इनकी शादी नहीं होती। साथ ही कुछ गरीब इलाकों से संबंधित होती हैं, जिनके परिवार को पैसे की जरूरत होती है।