अशाेक यादव, लखनऊ। उतर प्रदेश विधान परिषद में आज नेता सदन ने स्पष्ट किया पुरानी पेंशन बहाली पर सरकार कोई विचार नहीं कर रही है और राज्य कर्मचारियों के लिए एनपीएस व्यवस्था पूरी तरह सुरक्षित है।
प्रश्न प्रहर में समाजवादी पार्टी के सदस्य डा. मान सिंह ने कहा कि पुरानी पेंशन व्यवस्था के स्थान पर न्यू पेंशन स्कीम लागू करके पूंजीपतियों के लिए अनुकुल माहौल बनाया गया है, जिससे कर्मचारियों की गाढ़ी कमाई का पैसा पीएनबी, यूटीआई, शेयर बाजार आदि में लगाकर कर्मचारियों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
इस प्रश्न के लिखित उत्तर में वित्त मंत्री ने कहा कि प्रदेश के दीर्घकाली राजकोषीय हितों के दृष्टिगत और केन्द्र सरकार द्वारा अपनायी गई नीति का अनुसरण करते हुए राज्य सरकार की सेवा में और राज्य की अभिसूचना 28 मार्च 2005 में राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली लागू की गई थी।
मंत्री ने कहा कि एनपीएस खाते में जमा धनराशि के निवेश पूर्णतया सुरक्षित बनाये जाने के उद्देश्य से भारत सरकार की संस्था-पेंशन फण्ड रेग्लूटेरी एण्ड डवलपमेंट अथारिटी (पीएफआरडीए) द्वारा निवेश के संबंध में समय-समय पर दिशा निर्देश जारी किए जाते हैं, जिनके अनुसार पेंशन फण्ड प्रबंधकों द्वारा धरनराशि का निवेश किया जाता है।
इसी बीच देवेन्द्र प्रताप एवं अन्य सदस्यों के एनपीएस पर सवाल उठाते हुए सरकार से पूछा कि पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू कब करेगी। इस पर नेता सदन डा. दिनेश शर्मा ने कहा कि पुरानी पेंशन व्यवस्था का लागू करने पर सरकार कोई विचार नहीं कर रही है और एनपीएस व्यवस्था पूरी तरह सुरक्षित है।
इसके पहल समाजवादी पार्टी के मधुकर जेटली के कैंसर की सर्जरी के संबंध अल्पसूचित प्रश्न के लिखित उत्तर में चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने लिखित उत्तर में बताया कि प्रदेश में चार राजकीय मेडिकल कॉलेजों, दो चिकित्सा विश्वविद्यालयों एवं अन्य तीन चिकित्सा संस्थानों में कैंसर रोगियों का उपचार किया जा रहा है।
इस प्रश्न में संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) में सिर और गर्दन के कैंसर रोगी के उपचार के संबंध में कहा कि अति विशिष्ट कैंसर संस्थान एवं अस्पताल में सिर और गर्दन से संबंधित कैंसर रोगियों के उपचार के लिए विभाग की स्थापना के लिए कार्यवाही प्रचलित है। डा. राममनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में सिर और गर्दन से संबंधित रोगियों का उपचार किया जा रहा है। इसके अलावा एसजीपीजीआई में अभी इस विभाग की स्थापना प्रस्तावित नहीं है और जब संस्थान से प्रस्ताव आयेगा तो विचार किया जायेगा।
विभाग के मंत्री संदीप सिंह ने कहा कि प्रदेश व देश में सिर और गर्दन के उपचार के लिए डाक्टरों की कमी है। इसके उपचार के लिए एक वर्ष में देश में मात्र छह चिकित्सक मिलते हैं। एसजीपीजीआई में इस विभाग की स्थापना कर इस कोर्स को शुरु नहीं किया जा रहा है। मंत्री ने कहा कि इस बीमारी के उपचार के लिए देश के अन्य हिस्सों में जाने के लिए रोगी स्वतंत्र हैं।
इस बीच जेटली ने कहा कि सिर एवं गर्दन के उपचार के लिए प्रदेश में कई डाक्टर हैं और वह उनके नाम जानते हैं। इस पर मंत्री ने कहा कि वह उन्हें डाक्टरों के नाम बतायें। इस बीच नेता सदन डा. दिनेश शर्मा ने कहा कि इस विभाग की स्थापना में मोटी रकम खर्च होगी। इस संबंध में एसजीपीजीआई द्वारा प्रस्ताव मिलने पर सरकार विभाग की स्थापना पर विचार करेगी। प्रश्न प्रहर में कांग्रेस के दीपक सिंह ने औद्योगिक विकास मंत्री से कानपुर में उद्योगों के बंद और स्थापित होने के संबंध में प्रश्न किया।
इस पर विभाग के मंत्री सतीश महाना ने लिखित उत्तर में कहा कि कानपुर नगर में यूपीसीडा द्वारा सात औद्योगिक क्षेत्रों का विकास किया गया है। जो 1254.53 एकड़ भूमि अर्जित कर बने हैं। इसमें 1928 भूखण्ड 709.98 एकड़ क्षेत्रफल पर विकसित किए गये हैं। 31 दिसम्बर 2020 तक कुल 1826 इकाईयों को भूखण्ड आवंटित किये गये हैं, जिसमें 1568 इकाईयां उत्पादनरत हैं और 112 इकाईयां बंद हैं।
उन्होंने कहा कि जिले में स्थापित एसएमएसई इकाईयों की संख्या भारत सरकार के उद्यम रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर दाखिल की गई संख्या के आधार पर होती हैं। पोर्टल पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार कानपुर में कुल 32703 एसएमएमई इकाईयां पंजीकृत हैं।
उद्योगों के बंद होने की सूचना के संबंध में व्यवस्था पोर्टल पर नहीं है। बंद उद्योगों के संबंध में पूछे जाने पर महाना ने कहा कि उद्योग बंद होने के कई कारण होते हैं। उन्होंने कहा कि कुछ उद्योग मानकों को पूरा नहीं करते तो कुछ पारिवारिक तथा धन अभाव के कारण बंद हो जाते हैं।
प्रश्न प्रहर में सपा के परवेज अली ने खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री से माटी कला बोर्ड गठन के बाद मार्टी कर्मकारों को सम्पन्न बनाने के लिए अब तक क्या योजनाएं लागू की गई और अमरोहा, संभल, बिजनौर एवं रामपुर के मार्टी कर्मकारों को बोर्ड द्वारा कितने लोगों को लाभ मिला। इस प्रश्न पर खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री सिद्धार्थ सिंह ने बोर्ड द्वारा किए गये कार्यों की जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि अमरोहा में 17, संभल में 15, बिजनौर में 75 और रामपुर में 80 लाभार्थियों को योजना का लाभ मिला। इसके अलावा योजना के तहत विभिन्न जिलों में 2700 बिजली चलित चाक भी विभाग ने वितरित किए हैं।