अशाेक यादव, लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मांब लिंचिंग की घटनाओं पर अंकुश लगने के लिए अब हर जिले में एक नोडल अधिकारी नियुक्त होंगे। ऐसी घटनाओं को रोकने के उपाय और इसके शिकार पीड़ितों को मुआवजा दिलाना इनकी जिम्मेदारी होगी। डीजीपी मुकुल गोयल ने इसके लिए गाइडलाइन जारी की है।
डीजीपी की तरफ से जारी गाइडलाइन में कहा गया है कि सभी जोनल अपर पुलिस महानिदेशक, पुलिस आयुक्त पुलिस महानिरीक्षक, पुलिस उप महानिरीक्षक एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, पुलिस अधीक्षक अपने जिलों में इसके लिए नोडल अधिकारी नामित करेंगे।
नोडल अफसर इन 6 पॉइंट्स पर काम करेंगे। विगत में भीड़ द्वारा कारित हिंसा, हत्या की घटनाओं का आकलन कर संवेदनशील स्थानों का चिन्हिकरण करते हुए अतिरिक्त सजगता के साथ प्रभावी कार्यवाही की जाये।
इस प्रकार की घटनाओं में संलिप्त पाये जाने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध बिना देर किए तत्काल कठोर कार्रवाई की जाए। चिन्हित स्थानों पर सूचना तंत्र को और अधिक सक्रिय करते हुए प्रभावी पुलिस पेट्रोलिंग की कार्यवाही करायी जाय। सोशल मीडिया पर इसके के सम्बन्ध में फैलाई जा रही अफवाहों का त्वरित तत्काल खण्डन किया जाय।
सोशल मीडिया पर प्रसारित होने वाले अफवाहों को रोकने के लिए जिम्मेदार नागरिकों और डिजिटल वालिन्टियर्स का सहयोग लिया जाय। इस तरह की घटना आदि को बढ़ावा देने वाले आपत्तिजनक संदेशों और वीडियों आदि को प्रसारित करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत कर कठोर कार्यवाही की जाय।
नोडल अधिकारी भीड़ द्वारा की गयी हिंसा, हत्या से पीड़ित परिवार के सदस्यों को पीडि़त क्षतिपूर्ति योजना के अन्तर्गत अनुमन्य आर्थिक क्षतिपूर्ति आदि दिलाने के लिए नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही करें।