
अशाेक यादव, लखनऊ। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी निशाना साधते हुए कहा कि विरोधी दल के नेता रोटी-रोजगार, बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दों को छोड़कर धार्मिक-जातिय भेदभाव और नफरती बातों के आधार पर वोट मांग रहे हैं। मायावती ने आज शनिवार को अपने ट्विटर हैंडल से एक बाद एक लगातार दो ट्वीट किया।
ट्विटर के जरिए मायावती ने विपक्षी दलों पर हमला करते हुए कहा कि यूपी चुनाव में विरोधी पार्टियों का जनविरोधी चाल, चरित्र, चेहरा एवं दोमुहापन पुनः उजागर है। वे रोजी-रोजगार, बेरोजगारी व महंगाई आदि की पहाड़ जैसी समस्याओं को दूर कर अच्छेदिन की बात नहीं बल्कि धार्मिक-जातीय भेदभाव व नफरती बातें करके वोट माँग रहे हैं, जो कतई भी उचित नहीं है।”
इसके साथ ही बसपा प्रमुख ने एक और ट्वीट किया। जिसमें उन्होंने लिखा, यूपी की जनता ने पहले सपा और फिर भाजपा की सत्ता के पिछले 10 साल जंगलराज, अराजकता, अहंकार, जातीय व धार्मिक द्वेषपूर्ण भेदभाव आदि के बहुत संकट भरे गुजारे हैं। इसीलिए अब इनके किसी भी लुभावने वादों एवं बहकावों आदि में नहीं आएं तो बेहतर।
इससे पहले बीते शुक्रवार को बसपा प्रमुख मायावती ने चुनाव प्रचार को लेकर मीडिया पर भी आरोप लगाए थे। उन्होंने एक ट्वीट में जनता को आगाह करते हुए लिखा था, ”यूपी विधानसभा चुनाव में जिस प्रकार से धर्म व जाति की राजनीति हावी है व मीडिया में भी ऐसी ख़बरें भरी पड़ी रहती हैं उससे ऐसा लगता है कि यह सब सपा व बीजेपी की अन्दरुनी मिलीभगत के तहत ही हो रहा है और वे चुनाव को हिन्दू-मुस्लिम व जातीय नफरती रंग देना चाहती हैं। जनता सतर्क रहे।”