अशाेक यादव, लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि मुख्यमंत्री विधानसभा चुनाव 2022 के चलते किसानों को तरह-तरह का लालच देकर राजनीतिक स्वार्थपूर्ति करना चाहते हैं। मुख्यमंत्री साढ़े चार वर्ष बाद चाहे जो घोषणा करे उससे किसानों का कोई दीर्घकालिक लाभ नहीं हो सकता। भाजपा को सत्ता से बाहर जाना ही होगा। भाजपा सरकार का किसानों के प्रति रवैया पूर्णतया अपमान जनक और संवेदनशून्य है।
अखिलेश ने शनिवार को जारी एक बयान में कहा कि अर्थव्यवस्था में ग्रामीण कृषि का पहला स्थान है। भाजपा राज में गांव पूर्णतया उपेक्षित है। खेती-किसानी बर्बाद है। किसान को न तो फसलों का एमएसपी मिल रही है और नहीं किसान की आय दोगनी करने का वादा निभाया जा रहा है। गन्ना किसानों का 10 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा बकाया है। तीन किसान विरोधी कानूनों को रद्द करने और एमएसपी की कानूनी गारंटी की मांग को लेकर चल रहे ऐतिहासिक किसान आंदोलन को चलते हुए 10 महीने हो रहे हैं। उसका स्वरूप और आकार बढ़ता ही जा रहा है।
उन्होंने कहा कि भाजपा कृषि की स्वतंत्रता समाप्त कर उसे उद्योग बनाने का षड्यंत्र कर रही है। भाजपा की किसान विरोधी नीतियों के चलते कृषि में उपयोग आने वाली चीजें महंगी हो रही हैं। सिंचाई में काम आने वाला डीजल महंगा हो गया है। किसानों की बर्बादी की यह पूरी पटकथा लिखकर भाजपा ने जता दिया है कि वह किसानों को पूरी तरह बर्बाद करके ही दम लेगी। उन्होंने कहा कि किसान आज बुरी तरह आक्रोशित है वह भाजपा सरकार में शोषण और काले कानूनों का शिकार है। भाजपा सरकार उसकी उचित मांगे मानने को भी तैयार नहीं है। अब किसान ऐसी अमानवीय सरकार से निजात पाने को तत्पर हैं। समाजवादी सरकार में ही किसानों के साथ न्याय होगा।