लखनऊ :बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) सुप्रीमो मायावती ने सोमवार को कहा कि कोई भी आधिकारिक ट्विटर एकाउंट नहीं है. इसलिए ट्विटर के माध्यम से जारी किए गए पोस्टर के संबंध में प्रकाशित व प्रसारित होने वाली खबरें गलत व मिथ्या प्रचार हैं. बीएसपी इसका खंडन करती है. दरअसल @BspUp2017 ट्विटर हैंडल से इस पोस्टर को शेयर किया गया. पोस्टर में पार्टी सुप्रीमो मायावती के साथ समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की तस्वीर भी लगाई गई है. पोस्टर में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद यादव, उनके बेटे तेजस्वी यादव, जेडीयू के नाराज नेता शरद यादव, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी की तस्वीर भी है.
इसे बिहार की राजधानी पटना में आरजेडी की ओर से 27 अगस्त को बुलाई गई गैर एनडीए दलों की रैली से एक सप्ताह पहले जारी किया गया है. रैली में अखिलेश यादव शामिल होने वाले हैं. मायावती ने कहा कि आरजेडी के नेता लालू प्रसाद यादव और 27 अगस्त को प्रस्तावित विपक्ष की रैली से संबंधित जिस पोस्टर के हवाले से आज कुछ अखबारों में खबर छपी है, वह सही नहीं है.
बीएसपी का कोई आधिकारिक ट्विटर एकाउंट नहीं है. हमारी पार्टी विभिन्न मुद्दों पर अपनी बात देश के सामने रखने के लिए लगातार खासतौर पर हिंदी में प्रेसनोट जारी करती रहती है, ताकि विस्तार से अपनी बातें मीयिा व लोगों के सामने रख सके, जबकि ट्विटर में यह सुविधा उपलब्ध नहीं है. मायावती ने कहा कि विपक्षी एकता के जिस पोस्टर के हवाले से खबर बनाई है, वह प्रथम दृष्टया में ही गलत व शरारतपूर्ण है. बीएसपी की नीति व सिद्धांत सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय पर आधारित है. वहीं ट्विटर वाले पोस्टर में बहुजन हिताय, बहुजन सुखाय को दर्शाया गया है, जो कि गलत है. इसके अलावा पोस्टर में और भी कई त्रुटियां हैं. मीडिया को ऐसी खबरों के प्रकाश व प्रसारण से पहले बीएसपी की आधिकारिक टिप्पणी अवश्य लेनी चाहिए थी.