नई दिल्ली। सरकार ने मलेशिया से आयातित कुछ एल्युमीनियम उत्पादों पर प्रतिपूर्ति शुल्क नहीं लगाने का फैसला किया है। वित्त मंत्रालय ने इस बारे में व्यापार उपचार महानिदेशालय की सिफारिशों को खारिज कर दिया है। वाणिज्य मंत्रालय की जांच इकाई डीजीटीआर ने मलेशिया से विभिन्न स्वरूप में ‘एल्युमीनियम प्राइमरी फाउंड्री अलॉय इन्गोट’ के आयात पर इस साल 31 जनवरी को प्रतिपूर्ति शुल्क लगाने की सिफारिश की थी।
घरेलू उद्योग की शिकायत के बाद डीजीटीआर ने यह सिफारिश की थी। राजस्व विभाग की ओर से जारी कार्यालय ज्ञापन के अनुसार, ‘‘केंद्र सरकार ने डीजीटीआर के अंतिम निष्कर्षों पर गौर करने के बाद इन सिफारिशों को खारिज करने का फैसला किया है। घरेलू कंपनियों ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि मलेशिया से एल्युमीनियम उत्पादों के सब्सिडी वाले आयात की वजह से स्थानीय उद्योग को नुकसान हो रहा है।
डीजीटीआर शुल्क लगाने की सिफारिश करता है। इसपर अंतिम निर्णय वित्त मंत्रालय लेता है। प्रतिपूर्ति शुल्क किसी देश विशेष द्वारा सस्ते दाम या सब्सिडी वाले मूल्य पर अपने उत्पाद दूसरे देश में खपाने पर लगाया जाता है। यह शुल्क घरेलू उद्योग के संरक्षण के लिए लगाया जाता है।