अशाेक यादव, लखनऊ। उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले में स्थित चंदपा थाना क्षेत्र के बुलगढ़ी गांव में 19 वर्षीय कथित गैंगरेप पीड़िता की मौत के बाद मचे सियासी घमासान और जांच के बीच शनिवार देर रात ह्यूमन ट्रेफिकिंग का एक बड़ा मामला सामने आया है।
मध्यप्रदेश से हाथरस में 12 लड़कियां लाई गई। जिनमें से एक नाबालिग लड़की रोती बिलखती सड़क पर मिली। पीड़ित लड़की ने बताया कि हम सभी 11 लोगों को एक कमरे में बंधक बनाकर 3 दिन तक भूखें रखा गया था। जहां एक नाबालिग रोड पर रोती-बिलखती मिली तो वहीं 11 लड़कियां अभी भी लापता है। जिनकी तलाश अभी जारी है।
ये मामला सदर कोतवाली क्षेत्र के रोडवेज बस स्टैंड का है। बताया जा रहा है कि मध्यप्रदेश से सिलाई का काम कराने के नाम पर 12 लड़कियां बेचने के इरादे से लाई गई थी। इतना इतना ही नहीं उन्हें 3 दिन तक एक कमरें में ताला दाल कर भूखा रखा गया था। ताकि ये भाग न सकें।
पीड़ित नाबालिग लड़की ने बताया कि बड़ी मुश्किल से जान बचाकर भागी और सीधे रोडवेज बस स्टैंड पर पहुंचकर पुलिस को पूरी घटना बताई। अब बड़ा सवाल कि क्या ह्यूमन ट्रेफिकिंग का रैकेट हाथरस में सक्रिय हुआ है? पुलिस घटना की जांच पड़ताल में जुटी है।
निर्भया फंड के तहत योगी सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए लखनऊ पुलिस के साथ वूमैन पावर लाइन 1090 और अन्य सुरक्षा एजेंसियों को मजबूत और सक्रिय किया है।
योगी सरकार ने प्रदेशभर एंटी रोमियो स्क्वाड की तैनाती के साथ सादी वर्दी में जगह-जगह महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती, यूपी 112 इंडिया मोबइल एप रात्रि सुरक्षा कवच योजना, महिला हेल्प डेस्क के साथ चौराहों पर पिंक बूथ बनाए हैं। सीएम योगी खुद महिलाओं के खिलाफ होने वाले क्राइम को लेकर हर महीने प्रदेशभर के अधिकारियों के साथ बैठक करते हैं।