अशाेक यादव, लखनऊ। मकर संक्रांति के पावन मौके पर काशी में घने कोहरे और शीतलहरी के बाद भी गंगा स्नान के लिए लोगों की भीड़ उमड़ी। भोर में चार बजे से ही लोगों का रेला गंगा घाटों की ओर पहुंचने लगा। सुबह सात बजे तक यहां के प्रमुख घाट दशाश्वमेध से गोदौलिया तक तिल रखने की भी जगह नहीं दिखाई दी। कोरोना का खौफ भी कहीं नहीं दिखाई दिया।
दशाश्वमेध घाट के साथ ही शीतला घाट, पंचगंगा घाट, असि घाट से लेकर गंगा गोतमी संगम कैथी में भी आस्था का रेला सुबह से ही नजर आया और लोगों ने गंगा स्नान करने के साथ ही दान पुण्य भी किया। वहीं सुबह बाबा दरबार में भी दर्शन पूजन का दौर चला और खिचड़ी बाबा मंदिर में भी जाकर आस्थावानों ने खिचड़ी का प्रसाद ग्रहण किया।
मकर संक्रांति में पंचग्रही योग के बीच लोगों ने स्नान ध्यान के साथ मंदिरों में दर्शन पूजन के साथ ही दान पुण्य कर परिवार के लिए मंगलकामना की। घरों में खिचड़ी की देसी घी संग छौंक सुवास देती रही तो आसमान में पतंगों की परवाज खिचड़ी पर्व को आकाश देती नजर आई। दुकानें भी भोर से खुल गईं तो लोग गुड़, देसी घी, पापड़, अचार के साथ नए चावल और काला उरद खरीदते नजर आए।