नई दिल्ली: भारत ने अमेरिका में भारतीय छात्रों को हिरासत में लिए जाने पर फिक्र जताते हुए यहां अमेरिकी दूतावास को शनिवार को ‘डिमार्शे’ जारी किया। भारत ने हिरासत में लिए गए छात्रों तक राजनयिक पहुंच की मांग भी की है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत हालात पर करीब से निगाह रख रहा है और स्थिति के निदान के लिए कदम उठा रहा है। इन छात्रों को अमेरिका में एक ‘फर्जी’ विश्वविद्यालय में दाखिला लेने के संबंध में हिरासत में लिया गया है। अमेरिकी अधिकारियों ने कथित रूप से देश में बने रहने के लिए एक फर्जी विश्वविद्यालय में दाखिला लेने के सिलसिले में 130 विदेशी छात्रों को गिरफ्तार किया है।
आव्रजन एवं सीमाशुल्क विभाग के अधिकारियों ने बुधवार को यह गिरफ्तारियां की हैं। विदेश मंत्रालय की ओर से ‘डिमार्शे’ जारी करने के बारे में पूछे जाने पर अमेरिकी दूतावास के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘ हम यह पुष्टि कर सकते हैं कि इस हफ्ते अमेरिका में भारतीय नागरिकों को हिरासत में लिए जाने के संबंध में विदेश मंत्रालय से एक डिमार्शे मिला है।’’ विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘‘ हमारी चिंता छात्रों की गरिमा और उनकी सेहत को लेकर है। हिरासत में लिए गए छात्रों तक भारतीय अधिकारियों की तुरंत राजनयिक पहुंच की जरूरत है।’’ मंत्रालय ने अमेरिकी दूतावास से कहा कि ऐसा हो सकता है कि छात्रों को ‘विश्वविद्यालय’ में दाखिला लेने के लिए ठगा गया हो, इसलिए उनके साथ उस तरह से बर्ताव नहीं किया जाना चाहिए।
जैसा सलूक उनके साथ ठगी करने वालों के साथ किया जाना चाहिए। मंत्रालय ने कहा कि हमने अमेरिका से आग्रह किया है कि छात्रों का सभी विवरण साझा किया जाए और जल्द से जल्द उन्हें बंदीगृह से छोड़ा जाए और उनकी मर्जी के बिना उनका निर्वासन नहीं किया जाए। इसने कहा कि भारतीय मिशन और वाणिज्य दूतावास के अधिकारियों ने हिरासत में लिए गए छात्रों को राजनयिक सहायता उपलब्ध कराने के लिए विभिन्न बंदी गृहों का दौरा किया। मंत्रालय ने कहा कि अब तक हमारे अधिकारी करीब 30 भारतीय छात्रों से संपर्क कर पाए हैं। बाकी के भारतीय छात्रों से संपर्क करने का प्रयास किया जा रहा है। उसने कहा कि हिरासत में लिए गए भारतीय छात्रों की सहायता या पूछताछ के लिए वाशिंगटन में भारतीय दूतावास में 24:7 हेल्पलाइन शुरू की गई है।