भारतीय शैली के भारतीय कुश्ती संघ को गृह मंत्रालय से मान्यता मिल गई है और अब यह कुश्ती संघ ओलंपिक में उतरने के लिए दावेदारी कर सकता है। भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष नफे सिंह राठी ने महासचिव गौरव सचदेवा के साथ शनिवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि कोरोना महामारी के कारण न केवल भारत में, बल्कि दुनिया भर में मानव जीवन और खेल गतिविधियों पर विराम लग गया था।
कोरोना ने इस बीच रोशन लाल एवं पूर्व महासचिव भारतीय शैली कुश्ती महासंघ जैसे विशेष व्यक्ति को हमारे बीच से छीन लिया जो भारतीय शैली कुश्ती के रचनाकार और प्रवर्तक थे तथा जिनके जाने से कुश्ती के एक युग का अंत हो गया, जिनकी भरपाई कभी नहीं की जा सकेगी।
नफे सिंह राठी ने कहा, “आज हम रोशन लाल द्वारा कुश्ती के लिए किए गए अद्भुत प्रयासों को श्रद्धांजलि देते हैं और उनके द्वारा आरंभ किए गए अधूरे कार्याें को पूरा करने के लिए कृत संकल्प हैं।” संघ के महासचिव गौरव सचदेवा ने इस अवसर पर कहा, “ आज हमने फैसला लिया है कि हम हिंद केसरी एवं सीनियर राष्ट्रीय कुश्ती प्रतियोगिता का आयोजन दो महीने के अंदर हरियाणा में करेंगे।
नफे सिंह ने इस अवसर पर बताया कि उनकी 23 यूनिट हैं और सभी जिलों में उनकी संस्थाएं हैं। उन्होंने कहा कि कुश्ती की विश्व संस्था यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने हमें अपनी मान्यता दे दी है और इसके अलावा 75 अन्य देशों ने भी हमें अपनी मंजूरी दे दी है, जिससे कि हम अब ओलंपिक खेलों में भी दावेदारी पेश कर सकेंगे।
नफे सिंह ने कहा, “ हमें आपको यह बताते हुए हर्ष हो रहा है कि भारतीय शैली कुश्ती महासंघ को भारत सरकार के खेल मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय खेल महासंघ घोषित किया गया है और इस खेल महासंघ को वही विशेषाधिकार मिलेंगे जो भारत सरकार द्वारा अन्य खेल महासंघों को दिए जाते हैं, जैसे कि रेल यात्रा किराए में रियायतें और खेल आरक्षण के तहत भारतीय शैली के पहलवानों की सरकार के विभिन्न विभागों और मंत्रालयों में भर्ती शामिल है। ”
नफे सिंह राठी और गौरव सचदेवा ने खेल मंत्रालय के प्रति तहे दिल से आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वे आगे आने वाले समय में विश्वास दिलाते हैं कि उन्हें जो जिम्मेदारी सौंपी गई है उसे वे पूरी निष्ठा के साथ पूरा करेंगे।